भारतीय उच्चायोग पर आगजनी और हमले की साजिश, मालदीव में चीन समर्थक नेता ने लोगों को उकसाया: पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चला रहे ‘इंडिया आउट’ अभियान

मालदीव के नेता ने भारतीय उच्चायोग पर हमले और आगजनी के लिए लोगों को उकसाया (फोटो साभार: प्रेसिडेंट ऑफिस रिपब्लिक ऑफ मालदीव)

मालदीव में चीन की समर्थक मानी जाने वाली पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की ‘प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (PPM’) के एक नेता ने राजधानी माले में भारतीय उच्चायोग पर हमले के लिए लोगों को उकसाया है। हालाँकि, मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी ने इसके विरोध में आवाज़ उठाई है।

‘प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव’ के नेता अब्बास आदिल रिज़ा ने एक ट्वीट के जरिए लोगों को भारतीय उच्चायोग पर आगजनी के लिए उकसा कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस्लामिक पार्टी PPM के नेता ने ट्विटर पर लिखा, “8 फरवरी को अडू में आगजनी और हिंसा भारत के इशारे पर की गई थी। हमने अभी तक इसका जवाब नहीं दिया है। मेरा प्रस्ताव है कि हम भारतीय उच्चायोग से शुरुआत करें। #IndiaOut”

अब्बास आदिल रिज़ा के ट्वीट का स्क्रीन शॉट

ब्बास के भारतीय उच्चायोग के खिलाफ हिंसा फैलाने वाले इस विवादास्पद ट्वीट को ख़बर लिखे जाने तक 62 रीट्वीट और 33 लाइक मिल चुके थे। पीपीएम के नेता जिस घटना के बारे में झूठ फैला कर लोगों को भड़का रहे हैं, वह घटना 8 फरवरी, 2012 की है। आरोप है कि इसी दिन राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को ‘बंदूक की नोक’ पर जबरन पद से हटा दिया गया था। इसके विरोध में नशीद के ‘मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP)’ के समर्थकों ने माले में रिपब्लिक स्क्वायर पर प्रदर्शन किया था।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया गया था, साथ ही आँसू गैस के गोले भी दागे गए थे। राष्ट्रपति नशीद के समर्थकों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। अब्बास आदिल रिज़ा ने अब दावा किया है कि नशीद के समर्थकों ने भारतीय अधिकारियों के इशारे पर हिंसा की थी। घटना के 10 साल बाद अब्बास ने ‘बदला’ लेने का प्रण लिया है और अपने समर्थकों को माले में भारतीय उच्चायोग पर हमला करने के लिए उकसाया है। भारत के साथ मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान न पहुँचे इसे ध्यान में रखते हुए, सत्तारूढ़ एमडीपी ने इस बयान की निंदा की है।

एमडीपी सेक्रेटेरियट की तरफ से किए गए ट्वीट में लिखा गया है, “एमडीपी भारतीय उच्चायोग पर आगजनी के आह्वान की कड़े शब्दों में निंदा करती है और अधिकारियों से मामले की जाँच करने की अपील करती है। एमडीपी मित्र राष्ट्रों के प्रति हिंसा और नफरत फैलाने के विपक्ष के निरंतर प्रयास की भी निंदा करती है।

एमडीपी के अलावा 2018 से वजूद में आई एक अन्य राजनीतिक पार्टी ‘मालदीव्स थर्ड वे डेमोक्रेट्स (MTD)’ और वर्ष 2019 में स्थापित राजनीतिक दल ‘मालदीव रिफॉर्म मूवमेंट (MRM)’ ने भी अब्बास के बयान की निंदा करते हुए इस पर कार्रवाई की माँग की है।

आपको बता दें कि चीन के इशारे पर मालदीव में भारत के प्रति लोगों को भड़काने वाले इस अभियान का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चला रहे हैं। यामीन की पार्टी चीन की समर्थक रही है। अब्दुल्ला यामीन 2013 से 2018 तक मालदीव के राष्ट्रपति रहे थे। अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में उन्होंने कैंपेन की शुरुआत कर दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया