13 साल की लड़की को अगवा कर 3 ने रेप किया, इस्लाम कबूल करवाया: पीड़ित पिता बोले- गैर मुस्लिमों को इंसाफ मिलना पाकिस्तान में असंभव

इंटरव्यू देते पीड़िता के पिता (वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट)

पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने रविवार को ट्विटर पर एक वीडियो साझा की। इस वीडियो में एक 13 वर्षीय नाबालिग ईसाई लड़की के पिता ने अपने परिवार के साथ हुए अत्याचार के बारे में बताया है।

पीड़ित पिता के मुताबिक साजिद अली, सुमैरा और तारव ने लाहौर के कंजरा से उनकी बेटी महविश को अगवा कर लिया। रेप के बाद जबरन उसका धर्मांतरण किया गया। उन्होंने बताया, “पुलिस ने मामले की जॉंच की। दस्तावेजों की जॉंच के बाद पुलिस ने उसे फर्जी बताया। बावजूद, इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।” उन्होंने यह भी बताया कि आरोपितों द्वारा लड़की के निकाहनामे और धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेज भी नकली हैं।”

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पीड़ित पिता से पूछा गया कि क्या उन्होंने इस मामले को लेकर किसी नेता से मदद माँगी? जवाब में हताश पिता ने कहा,” शुरू में हमने दो बार मंत्री जाहज आलम घस्ती से मिलने की कोशिश की, लेकिन मिल नहीं सके। हालाँकि, बाद में 3 बार उनसे अलग-अलग मौकों पर मिले। लेकिन उन्होंने कहा कि इसमें मैं क्या कर सकता हूँ।”

पीड़ित पिता ने वीडियो में आगे कहा, “यदि प्रधानमंत्री, मंत्री, मुख्य न्यायाधीश और सांसद मेरी पीड़ा नहीं सुनते और मेरी बच्ची की सही सलामत वापसी नहीं सुनिश्चित करवाते तो मैं पूरे परिवार के साथ मरने को मजबूर हो जाऊँगा। पाकिस्तान में इंसाफ मिलना असंभव है। न्याय तभी मिलेगा जब मेरी बेटी मेरे पास वापस आएगी। मेरी बातों को हल्के में न लें। अगर मेरी बेटी वापस नहीं आती है, तो मैं वही करूँगा जो मैंने कहा है।”

सॉलिडैरिटी एंड पीस मूवमेंट (MSP) ने अनुमान लगाया है कि 12 और 25 साल के बीच की लगभग 1000 ईसाई और हिंदू लड़कियों का अपहरण, बलात्कार और फिर जबरन धर्म परिवर्तन कर उन्हें निक़ाह के लिए मजबूर किया जाता है। वहीं पैसों से मजबूर कई पीड़ित परिवारों द्वारा तो मामले ही दर्ज नहीं किए जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 10 अक्टूबर को 14 वर्षीय हुमा यूनुस को कराची में उसके माता-पिता के घर से पंजाब के डेरा गाजी खान निवासी अब्दुल जब्बार नामक एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा अपहरण कर लिया गया था। वहीं फरजाना (14) और सेहरिश (16) के साथ 3 मुस्लिम युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया, लेकिन परिजनों को अदालत के बाहर ही मामला सुलझाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

इनके अलावा मुसलमानों द्वारा अपहरण की गई सना जॉन (13) और महविश (14) के मामले में पुलिस ने कड़ी जाँच की थी, फिर भी उन्हें वापस नहीं लाया जा सका। मारिया सरफराज नाम की 11 साल की एक ईसाई लड़की के साथ भी 3 दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया गया, लेकिन उसे भी मामले को दबाने के लिए मजबूर होना पड़ा। अप्रैल 2020 में मुहम्मद नक़श और उसके साथी द्वारा 14 वर्षीय ईसाई लड़की मायरा शहबाज़ को पाकिस्तान के फैसलाबाद में अगवा कर लिया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया