चीन के जाल में फँसकर मर गए चीन के ही 55 नौसैनिक, पनडुब्बी में दम घुटने से हुई सबकी मौत: रिपोर्ट में बताया- अमेरिकी सबमरीन के लिए डाला था फंदा

अपने ही जाल में फंसी चीनी पनडुब्बी, अंदर मौजूद 55 नौसनिकों की दम घुटने से मौत की आशंका (चित्र साभार: Popular Science)

अपनी ही जाल में फँसकर चीन के 55 नौसैनिकों के मारे जाने की आशंका है। चीन के नौसैनिकों की मौत परमाणु संपन्न पनडुब्बी के अंदर ऑक्सीजन खत्म होने के बाद दम घुटने से हुई है। यह दावा समाचारपत्र ‘द मिरर’ ने ब्रिटिश खुफिया रिपोर्ट के हवाले से किया है।

मिरर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चीन की एक पनडुब्बी अपनी नौसेना द्वारा बनाए गए एक जाल में फँस गई। यह जाल अमेरिकी और ब्रिटिश जहाज़ों को फँसाने के लिए बुना गया था। यह घटना अगस्त की है। यह सारे दावे मिरर ने एक ब्रिटिश खुफिया रिपोर्ट के माध्यम से किए हैं।

जिन नौसैनिकों के मरने की आशंका जताई जा रही है, वे पनडुब्बी 093-417 पर तैनात थे। यह पनडुब्बी घटना के दौरान पीले सागर में थी। इस पनडुब्बी के समस्या में फँसने और इस पर तैनात नौसैनिकों के मरने की खबर को चीन की सरकार ने नकार दिया है।

ब्रिटिश रिपोर्ट में लिखा गया है, “21 अगस्त 2023 को स्थानीय समय सुबह 8:12 बजे इस पनडुब्बी में एक दुर्घटना हुई। उस समय वह पीले सागर में अपने मिशन पर थी। इस घटना में 55 नौसैनिकों की मृत्यु हुई है। इन नौसैनिकों में 22 ऑफिसर, 7 कैडेट ऑफिसर, 9 पेटी ऑफिसर और 17 नाविक थे।”

रिपोर्ट में आगे बताया गया है, “जिन नौसैनिकों की मृत्यु हुई है, उनमें इस पनडुब्बी के कप्तान जू-योंग-पेंग भी शामिल हैं। हमारा मानना है कि पनडुब्बी में ऑक्सीजन की कमी हो गई, जिससे उन सबकी मौत हो गई। पनडुब्बी जहाज रोकने के लंगर और चेन से टकरा गई, जिससे इसके कई सिस्टम खराब हो गए और इन्हें बनाने में 6 घंटे से अधिक लगे। इसी के कारण पनडुब्बी में अंदर जहरीली हवा फ़ैल गई और लोगों की मौत हो गई।”

जिस पनडुब्बी पर यह दुर्घटना हुई वह 093 टाइप की पनडुब्बी थी। इस पनडुब्बी के चलने पर काफी कम शोर होता है, जिससे दुश्मन आसानी से इन्हें पकड़ नहीं पाते। यह पनडुब्बी चीनी नौसेना के आधुनिकीकरण का हिस्सा है। यह परमाणु ईंधन से चलती है।

यदि यह खबर सही साबित होती है तो यह बीते वर्षों में हुए भीषण सैन्य हादसों में से एक होगा। हालाँकि, चीन ने इस रिपोर्ट को एकदम निराधार बताया है और ऐसी किसी भी घटना से इंकार किया है। ब्रिटिश ख़ुफ़िया एजेंसी ने भी इस रिपोर्ट पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया