Amazon में 10 सेकेंड में एक पार्सल का टार्गेट, स्टाफ के साथ गुलामों जैसा व्यवहार: पूर्व कर्मचारी ने वर्क स्टेशन को बताया ‘पिंजड़ा’

अमेजन में कर्मचारियों से जानवरों की तरह लिया जाता है काम (साभार: बीबीसी/ द सन)

जेफ बेजोस की स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन अपनी फास्ट डिलिवरी सर्विस के लिए जानी जाती है, लेकिन इसके कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। अमेजॉन की पूर्व कर्मचारी ओलिविया (काल्पनिक नाम) ने कम्पनी का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया है। ओलिविया ने कंपनी को पिंजड़ा बताते हुए कहा कि वहाँ कर्मचारियों से गुलामों की तरह व्यवहार किया जाता है और पार्सल को समय पर डिलीवर करने के लिए उन पर बहुत अधिक मानसिक दबाव डाला जाता है। हालात ये हैं कि कर्मचारियों को ‘पेशाब जाने तक की छुट्टी’ नहीं दी जाती है।

अमेजॉन में ऑर्डर पिकर के रूप में करीब 8 महीने तक काम कर चुकी ओलिविया ने कसम ले ली है कि वो इस ऑनलाइन रिटेलर से किसी भी सामान का दोबारा ऑर्डर नहीं करेंगी। उन्हें इस काम के लिए अमेजॉन में प्रति घंटे करीब 9.70 पाउंड मिलते थे। वो 9 फीट लंबे वर्कस्टेशन में काम करती थीं। जिस कमरे में वो काम करती थीं, वहाँ पर एक कम्प्यूटर की स्क्रीन थी, जिसमें यह दिखाया जाता था कि उन्होंने कितने पार्सल पैक किए हैं।

ओलिविया का कहना है कि जिस कमरे में पार्सल की पैकिंग होती थी, वहाँ काम करने वाले लोगों पर कैमरे के जरिए नजर रखी जाती थी। अगर कभी पॉवर कट होता था तो लोगों को नजर करने के लिए लगा दिया जाता था। ओलिविया को अमेजॉन में जितनी जल्दी हो सके सामानों को ढूँढकर, उसे स्कैन कर पैक करने का काम सौंपा गया था। उन्हें जो टारगेट दिया गया था, उसके हिसाब से उन्हें प्रति घंटे 360 आइटम पैक करने थे, यानि हर 10 सेकेंड में एक आइटम।

सबसे खराब नौकरी

करीब साढ़े 10 घंटे की थका देने वाली शिफ्ट के शुरुआती दिनों में वो टॉयलेट ब्रेक लेने से भी डरती थीं, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उनका स्कोर गड़बड़ हो सकता है। ओलिविया ने अमेजॉन में अपनी नौकरी को दुनिया की सबसे खराब नौकरी करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने वहाँ काम करने वाले सभी लोगों के लिए अफसोस जताया है।

बेहद खराब स्थिति में काम करते हैं कर्मचारी

ओलिविया ने कंपनी की कार्यशैली को बेहद क्रूर बताया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी को जो लंच के लिए केवल आधे घंटे का वक्त दिया जाता है। एक मिनट की भी देरी होने पर उन्हें चेतावनी दे दी जाती है। बकौल ओलिविया, “यह बहुत ही थकाऊ काम है। दिन की शिफ्ट खत्म होते-होते हालत यह हो जाती है कि पाँव जवाब देने लगते हैं। शरीर का हर अंग थककर चूर हो जाता है।” हर 10 सेकेंड में एक आइटम को पैक करना मतलब, मानसिक दबाव काफी अधिक होता और आप शारीरिक रूप से 10 घंटे से अधिक समय तक ऐसा नहीं कर सकते हैं।

ओलिविया का मानना है कि कंपनी अपने कर्मचारियों से इस बात की उम्मीद करती है कि वो लगातार रोबोट की तरह काम करते रहें, जो कि इंसान के लिए संभव ही नहीं है। अमेजॉन को अगले कुछ हफ्तों में रिकॉर्ड सेलिंग की उम्मीद है। फोर्ब्स मैग्जीन के मुताबिक, इसके मालिक जेफ बेजोस 150 बिलियन पाउंड की संपत्ति के काफी करीब हैं। इस साल भी लोग क्रिसमस की खरीदारी के लिए अमेजॉन का रुख करने वाले हैं, क्योंकि सर्वे से पता चला है कि 86 फीसदी लोग अमेजॉन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया