संप्रदाय विशेष के परिवार ने नाबालिग लड़की की तोड़ी पसलियाँ, सिर मुँड़वा कर दी ईसाई से प्यार की सजा

प्रतीकात्मक तस्वीर (the woke journal)

फ्रांस में संप्रदाय विशेष की एक लड़की को एक ईसाई लड़के से प्रेम करना भारी पड़ गया। उसके कट्टर घर वालों ने इस रिश्ते की जानकारी होने पर न केवल विरोध किया, बल्कि उसे लात-घूँसों-मुक्कों से इतना पीटा कि उसकी पसलियाँ भी टूट गईं। ईसाई लड़के के साथ संबंध की बात जानकार लड़की का सिर भी मुँड़वाया गया और जब पुलिस आई तो घायल लड़की को छिपाने का प्रयास भी किया गया।

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना पिछले हफ्ते सोमवार (अगस्त 17, 2020) की है। जिनेवा से 70 मील दूर उत्तर में बेसनकॉन शहर पड़ता है। वहीं, संप्रदाय विशेष की इस लड़की के परिवार ने उस पर हमला बोला। रिपोर्ट बताती है कि नाबालिग लड़की कुछ समय पहले बोस्निया और हर्जेगोविना से अपने परिवार के साथ फ्रांस आई थी।

इसके बाद ही उसने एक फ्रांसीसी लड़के को डेट करना शुरू किया। दोनों का रिश्ता काफी समय तक गुपचुप तरीके से चला। मगर, 13 अगस्त को अपने परिवार के डर से लड़की अपने ईसाई प्रेमी के साथ भाग गई और चार दिन बाद उन्हें मनाने के लिहाज से लड़के और उसके माता-पिता के साथ घर लौटी।

पुलिस को दिए बयान के मुताबिक, लड़की ने बताया कि उसके परिवार व रिश्तेदारों ने उसकी सुनने की बजाय उस पर हमला बोल दिया। घूँसे और मुक्के उसके सिर व शरीर पर लगातार मारे गए। फिर लड़की के पिता जाकर कैंची ले आए और उसके चाचा से लड़की के लंबे बाल काटने को कहा।

लड़की के परिवार का ऐसा रवैया देखते ही लड़का वहाँ से भाग निकाल और पुलिस को इन सबके बारे में जानकारी दी। पुलिस घटनास्थल पर कुछ ही समय में पहुँच गई। पड़ताल हुई तो परिवार वाले लड़की को छिपाने का प्रयास करते रहे। लेकिन खुशकिस्मती से घायल लड़की पुलिस को मिल गई।

लड़की की हालत देखते हुए पुलिस ने उसके माता-पिता, चाचा-चाची को गिरफ्तार कर लिया। अब इनके ख़िलाफ़ नाबालिग से हिंसा का मामला दर्ज है। वहीं लड़की को भी हर प्रकार से सुरक्षा प्रदान की गई है।

इस मामले में बता दें कि लड़की के घरवालों की जगह-जगह निंदा हो रही है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस खबर को शेयर कर रहे हैं। नागरिकता के लिए मंत्री मार्लेने शियप्पा ने इस घटना पर कहा कि ऐसे परिवार को शर्मिंदा होना चाहिए।

वहीं फ्रांस के आंतरिक मंत्री जेराल्ड डारमेनिन ने इस घटना को बर्बर करार देते हुए कसम खाई है कि वह परिवार को वहाँ से निर्वासित करके ही छोड़ेंगे। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि उन्हें सीमा पार जाना होगा, क्योंकि हमारी जमीन पर रहने के लिए उनके पास कोई कारण नहीं हैं।

गौरतलब है कि बोस्नियन मुस्लिमों और ईसाइयों में अनबन पिछले 25 सालों से चली आ रही है। दरअसल साल 1995 में, सेरेब्रेनिका नरसंहार में सर्ब बलों ने 8,000 Bosniak की हत्या कर दी थी। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़ी सामूहिक हत्या थी। इसके बाद साल 2015 के एक सर्वे से पता चला था कि केवल 15 प्रतिशत बोस्नियन मुस्लिम ही अपनी बेटी को ईसाइयों को सौंपने में सहज महसूस करते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया