‘फ्रांस अल्लाह का… अल्लाह के सामने समर्पण करो’: रमजान शुरू होते ही ईसाइयों के कब्रिस्तान, चर्च और युद्ध स्मारक पर पोत डाले इस्लामी नारे, लोगों में भारी गुस्सा

फ्रेंच कब्रिस्तान (साभार: Linda Ikeji's Blog)

मुस्लिमों के रमजान का महीना शुरू होते ही फ्रांस के एक कब्रिस्तान में लगभग साठ कब्रों पर ‘अल्लाह के सामने समर्पण करें’, ‘फ्रांस पहले से ही अल्लाह का है’ और ‘गैर-मुस्लिमों को रमजान मुबारक’ आदि लिखे मिले हैं। यह कब्र ईसाइयों की बताई जा रही है। इस घटना के पास आसपास के लोगों में गुस्से की लहर दौड़ गई है।

दरअसल, 11 मार्च 2024 (सोमवार) की सुबह पेरीगॉर्ड वर्ट के दॉरदॉग्ने में क्लेरमोंट-डी’एक्सीड्यूइल कब्रिस्तान में 58 कब्रों पर इस तरह इस्लामी बातें लिखी मिलीं। माना जा रहा है कि इस घटना को रविवार (10 मार्च 2024) की रात को अंजाम दिया गया होगा। हालाँकि, इस पर घटना के अगले दिन मेयर क्लाउड एमरी का ध्यान गया।

जिन जगहों पर इस तरह कट्टरपंथी इस्लामी नारे लिखे गए हैं, उनमें कब्र, युद्ध स्मारक, चर्च का दरवाजा, सूली पर चढ़े ईसा मसीह की प्रतिमा वाली जगह और एक फव्वारा शामिल हैं। एक कब्र के किनारे बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है, ‘फ्रांस पहले से ही अल्लाह का है’, जबकि दूसरे कब्र पर लिखा है, ‘गैर-मुसलमानों, रमज़ान मुबारक हो।’

इसके अलावा, कम-से-कम कब्रों पर ‘GWER’ लिखा मिला है। Gwer का अल्जीरियाई अरबी में अनुवाद ‘श्वेत व्यक्ति, पश्चिमी या गैर-मुस्लिम’ होता है। इतना ही नहीं, कब्रिस्तान से लगभग 300 मीटर की दूरी पर स्थित एक चर्च को निशाना बनाया गया और उसके लकड़ी के दरवाजे पर ‘रमजान मुबारक’ लिख दिया गया।

मेयर एमरी जब सोमवार की सुबह साढ़े आठ बजे कब्रिस्तान पहुँचे तो उन्होंने यह परेशान करने वाली घटना देखी। उन्होंने फ़्रांसइन्फो में भी कुछ ऐसा ही देखा। इसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मेयर ने कहा, “इस तरह के छोटे शहर में यह अजीब है। मैंने सोचा कि यह सिर्फ दूसरी जगहों पर होता है।” पेरिग्यूक्स के सरकारी अभियोजक ने इसकी की जाँच शुरू कर दी है।

पेरीगॉर्ड वर्ट के निवासी अपने प्रियजनों को कब्रिस्तान में दफनाते हैं और उनमें से कई लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और इससे उन्हें जबरदस्त आघात लगा है। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “मैंने अभी-अभी ये टैग खोजे हैं और यह मेरी रीढ़ में सिहरन पैदा कर देता है। जब मैं इसे पढ़ता हूँ तो मुझे डर हो जाता है। यह शहर के लिए एक आघात है।”

एसओएस कैल्वायरेस एसोसिएशन के एलेक्जेंडर कैले ने कहा, “लोग अपने पूर्वजों, अपने बुजुर्गों की कब्रों को देखने आए थे, जो शाश्वत निद्रा में थे। इसे नुकसान पहुँचाया गया।” उन्होंने कहा, “जो महत्वपूर्ण है वह प्रतीक है। हम युद्ध स्मारक की बात कर रहे हैं। हम उन लोगों के बारे में कह रहे हैं, जिन्होंने फ्रांस को आज़ाद कराने की लड़ाई लड़ी। लोग वास्तव में क्रोधित हैं, स्तब्ध और कुछ तो सदमे में भी हैं।”

एक अन्य व्यक्ति ने बताया, “मुझे इस पर विश्वास नहीं हुआ। एकदम नहीं। ईमानदारी से कहूँ तो मैंने इसे एक अफवाह माना। मुझे आशा है कि हम लिखने वाले को ढूंढ लेंगे, जिसने यह सब किया है। मैं एक अनाथ बच्चे को पालने वाले परिवार में बड़ा हुआ हूँ, जहाँ उन्होंने सम्मान सिखाया। भले ही आप आस्तिक या किसी अन्य धर्म के हों, आपको सम्मान करना चाहिए।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया