जर्मनी में सोमाली आप्रवासी ने ‘अल्लाह-हू-अकबर’ चिल्लाते हुए लोगों पर चाकू से किया हमला: 3 की मौत, 5 घायल

हमले में शामिल आरोपित (लाल घेरे में) (फोटो : डेली मेल)

जर्मनी के वुर्जबर्ग शहर में शुक्रवार (25 जून) को एक सोमाली अप्रवासी ने चाकू से लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। यह हमला शाम करीब पाँच बजे शहर के बीचों-बीच बार्बरोसा स्क्वायर में हुआ।

रिपोर्टों के अनुसार, आरोपित की पहचान सोमालिया के 24 वर्षीय आप्रवासी के रूप में हुई है। वह 2015 से वुर्जबर्ग शहर में रह रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आरोपित के पास एक बड़ा चाकू था जिसका इस्तेमाल उसने राहगीरों पर हमला करने के लिए किया। हमले में एक बच्चे और उसके एक अभिभावक समेत तीन लोगों की मौत हो गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पीड़ितों पर हमला करने से पहले आरोपित ने ‘अल्लाह-हू-अकबर‘ के नारे लगाए।

इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी जूलिया रन्ज ने बताया, “हमलावर के पास एक बहुत बड़ा चाकू था और वह लोगों पर हमला कर रहा था। फिर कई लोगों ने उस पर कुर्सियाँ, छाते, सेलफोन फेंककर उसे रोकने की कोशिश की। फिर पुलिस पहुँची और ऐसा लगता है कि गोली भी चलाई गई।” लोअर फ्रैंकोनिया पुलिस के अनुसार आरोपित के पैर में गोली मारने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक शख्स बैग का इस्तेमाल कर आरोपित को काबू करने की कोशिश कर रहा है। वीडियो में सोमाली आप्रवासी को नंगे पाँव और हाथ में एक बड़ा चाकू लिए हुए देखा गया।

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एक अन्य वीडियो में बार्बरोसा स्क्वायर पर लाठी एवं कुर्सियाँ लिए हुए स्थानीय लोगों को हमलावर का पीछा करते हुए देखा गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अब कोई दूसरा संदिग्ध नहीं है। पुलिस ने बताया कि आरोपित पीड़ितों को नहीं जानता था और चाकू से हुए इस हमले के पीछे के मकसद की जाँच की जा रही है।

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बवेरिया के सुरक्षा अधिकारी जोचिम हेरमैन ने इस घटना के बारे में बात करते हुए कहा कि पुलिस को आरोपित की जानकारी थी। हेरमैन ने कहा, “हाल के महीनों में उसकी हिंसक प्रवृत्तियों सहित उसकी स्थिति पर नजर रखी जा रही थी और कुछ दिनों पहले ही उसे अनिवार्य मानसिक उपचार के लिए भेजा गया था।” हेरमैन ने बताया कि हमले के पीछे ‘इस्लामी कट्टरपंथ’ से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोपित को ‘अल्लाह हू अकबर’ चिल्लाते हुए सुना था।

उन्होंने बताया, “यह हमला एक संभावित ‘इस्लामी कट्टरपंथी मकसद’ की ओर इशारा करता है, जो जाँच का एक हिस्सा है।” उन्होंने कहा कि तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य 5 घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि यह नहीं पता है कि हमले के बाद वे कब तक बचे रहेंगे।

वुर्जबर्ग 1,30,000 लोगों की जनसंख्या वाला एक शहर है और म्युनिख एवं फ्रैंकफर्ट के बीच स्थित है। जर्मनी ने साल 2015 में गरीबी से जूझ रहे और युद्धग्रस्त देशों के शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएँ खोल दी थीं। संयोग से आरोपित उसी साल वुर्जबर्ग शहर में रहने के लिए आया था।

यूरोप में प्रवासी संकट के दौरान जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने घोषणा की थी कि शरणार्थियों को रखने के लिए देश के पास पर्याप्त ‘आर्थिक ताकत‘ है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि देश में आने वाले शरणार्थियों के लिए कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। हालाँकि, इस मामले में संघीय राज्यों से परामर्श न करने के कारण मर्केल आलोचनाओं की शिकार भी हुई थीं। जर्मनी में शरणार्थियों के लगातार आने के बाद कई रिपोर्ट्स में यह बताया गया था कि शहरों में अपराध में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। फरवरी 2016 में सरकार ने यह भी स्वीकार किया था कि लगभग 13% शरणार्थियों की जानकारी सरकार के पास नहीं है और ये या तो अवैध रूप से देश में रहने लगे या दूसरे यूरोपीय देशों में चले गए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया