नूपुर शर्मा पर गाल बजाने वाले क़तर में हिन्दुओं को अंतिम संस्कार की भी इजाजत नहीं, 76 लाख भारतीयों पर टिकी है खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्था

कतर का शेख (फोटो साभार: आजतक)

नुपुर शर्मा द्वारा सच बोलने पर नाराजगी दिखाने वाले खाड़ी देश कतर (Qatar) में अल्पसंख्यकों को मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन से गुजरना पड़ता है। कतर उन्हीं मुलकों में शामिल है, जो प्रोपगेंडा पर भारत जैसे विशाल देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप तो करता है, लेकिन अर्थव्यवस्था और अनाज एवं फलों के लिए भारत भी और भारतीयों पर निर्भर है।

अब भारत ने कतर सरकार से वहाँ रहने वाले हिंदुओं के पूजा स्थल के लिए जमीन और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान भूमि देने के लिए कहा है। बता दें कि कतर सहित विभिन्न खाड़ी देशों में हिंदू समुदाय के लाखों लोग रहते हैं, जो वहाँ के विकास में अपना अतुलनीय योगदान दे रहे हैं।

कतर में रहने वाले इन हिंदुओं के किसी परिजनों की मृत्यु होने पर उन्हें या तो दफनाना पड़ता है या फिर अंतिम संस्कार के लिए शव को भारत लाना पड़ता है। कतर एक इस्लामिक मुल्क है और वह हिंदुओं को मौत के बाद अंतिम संस्कार करने की अनुमति नहीं देता है।

बता दें कि उपराष्ट्रपति एम वैंकया नायडू हाल में ही कतर, गेबान और सेनेगल की आठ दिवसीय राजकीय यात्रा से लौटें हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हे सुशील मोदी ने बताया कि भाजपा के कुछ नेताओं के आपत्तिजनक बयान के बाद की गई कार्रवाई से कतर संतुष्ट दिखा।

इस समय खाड़ी देशों में 76 लाख से अधिक भारतीय काम कर रहे हैं। ये भारतीय वहाँ की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दे रहे हैं। इतना ही नहीं, कोरोना महामारी दे दौरान भारत ने अरब देशों को अनाज और फलों की आपूर्ति की।

विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, UAE ने साल 2020 में काजू की अपनी कुल आयात का 21 प्रतिशत और डेयरी उत्पाद के आयात का कुल 15 प्रतिशत भारत से खरीदा। वहीं, ईरान ने अपनी चाय का 24 प्रतिशत भारत से आयात किया।

बता दें कि इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामी सहयोग संगठन (IOC) में 56 देश शामिल हैं। यहाँ रहने वाले लोगों की कुल आबादी 190 करोड़ है, जो विश्व की जनसंख्या का लगभग 24.4 प्रतिशत है। IOC की स्थापना 25 सितंबर 1969 को मोरक्को में हुई थी। तब नाम ऑर्गनाइजेशन ऑफ द इस्लामिक कॉन्फ्रेंस (OIC) था। 28 जून 2011 को नाम IOC पड़ा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया