हाउडी मोदी से पहले अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतीय समुदाय के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। अमेरिका में रह रहे कश्मीरी पंडित और सिख तथा वोहरा समुदाय के लोगों ने उनसे मुलाकात की। कश्मीरी पंडितों ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के लिए तो सिख समुदाय के लोगों ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए पीएम का आभार जताया।
इस दौरान कश्मीरी पंडित काफी भावुक नजर आए। एक ने पीएम मोदी के हाथ को चूमकर कहा, “7 लाख कश्मीरी पंडितों की ओर से आपको धन्यवाद।” पीएम ने उनका हालचाल पूछने के बाद कहा, “आप लोगों ने जो कष्ट झेला है वह कम नहीं है।”
मुलाकात के दौरान कश्मीरी पंडित समुदाय का नेतृत्व करते हुए सुरिंदर कौल ने कहा, “पीएम ने हमसे कहा कि हमलोगों ने बहुत कुछ सहा है। अब हमें एक साथ मिलकर नया कश्मीर बनाना है। युवाओं ने उन संदेशों को प्रस्तुत किया, जो हमारे समुदाय ने उनके लिए तैयार किए थे। मैंने समुदाय की ओर से एक स्मृति-पत्र प्रस्तुत किया। जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया।”
कौल ने कहा कि कश्मीर पर उनके द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले के लिए उन्होंने दुनिया भर में 700,000 कश्मीरी पंडितों की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर लिया गया उनका फैसला शांतिपूर्ण और विकास से भरा है। इस फैसले से सभी लोग खुश हैं। कौल ने कहा कि उन्होंने पीएम को आश्वासन दिया है कि कश्मीर को लेकर उनके सपने को पूरा करने के लिए उनका समुदाय सरकार के साथ काम करेगा।
पीएम ने वोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकात की। उन्होंने भी उनका काफी गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी ने उनके साथ काफी देर तक बातें की और सम्मान स्वरूप उनका अंगवस्त्र भी स्वीकार किया।
सिख समुदाय भी पीएम मोदी से काफी जोश के साथ मिले। कैलिफोर्निया के कमिश्नर अविंदर चावला ने कहा कि मोदी सरकार ने सिखों के कल्याण के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। खास तौर पर करतापुर कॉरिडोर खोले जाने को लेकर भारत सरकार के प्रयासों के लिए प्रवासी सिखों ने प्रसन्नता व्यक्त की और उनका शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी के कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का खुद चलकर आना यह बताता है कि मोदी दुनिया के लिए कितने बड़े और महत्वपूर्ण शख्सियत हैं।
सिख समुदाय ने मुलाकात के दौरान पीएम मोदी को ज्ञापन सौंपते हुए, उनसे 1984 के सिख जनसंहार के मुद्दों को संबोधित करने के साथ ही दिल्ली एयरपोर्ट का नाम गुरुनानक देव इंटरनेशनल एयरपोर्ट किए जाने का अनुरोध किया। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25, आनंद मैरिज एक्ट, वीजा एवं पासपोर्ट में संशोधन और नवीनीकरण को लेकर आग्रह किया है। मोदी ने प्रवासी सिखों की माँगों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद यथासंभव प्रयासों का आश्वासन दिया।