गोली नहीं खाना चाहते हो तो हमारी सीमाओं से दूर रहो: सांसद ने घुसपैठियों को चेताया

पोलैंड की सत्ताधारी पार्टी के नेता डोमिनिक टारजिंस्की ने अवैध घुसपैठियों को चेताया

दुनिया भर में अवैध घुसपैठियों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। सीरिया व अन्य मुस्लिम मुल्कों से लाखों की संख्या में घुसपैठियों ने यूरोप सहित कई क्षेत्रों में पाँव रखे हैं, जिनसे वहाँ के स्थानीय निवासियों में आक्रोश है। जहाँ एक तरफ़ दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन अपील करते हैं कि इन्हें शरण दी जाए, कई लोगों का ये भी कहना है कि इससे उनके देशों में अपराध बढ़ेगा। इसी क्रम में यूरोपियन संसद के सदस्य डोमिनिक टारजिंस्की का एक बयान आया है। इसमें उन्होंने घुसपैठियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने उनसे कहा है कि अगर वो अपना हित चाहते हैं तो पोलैंड की सीमा पर न आएँ।

डोमिनिक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी अपने इस बयान को ट्वीट किया है। उन्होंने घुसपैठियों को चेताते हुए कहा कि अगर वो अपनी सलामती चाहते हैं, अगर वो चाहते हैं कि उन्हें गोली न मारी जाए या फिर गिरफ़्तार न किया जाए- तो वो पोलैंड की सीमा से दूर ही रहें, अंदर घुसने की चेष्टा भी न करें।

उन्होंने कहा कि वो सीधे शब्दों में घुसपैठियों को चेतावनी दे रहे हैं। डोमिनिक यूरोपियन कन्जर्वेटिव्स एंड रेफोर्मिस्टर्स (ECR) के उपाध्यक्ष हैं। वो घुसपैठियों के ख़िलाफ़ लगातार आवाज़ उठाते रहते हैं। वो पोलैंड की सत्ताधारी पार्टी के नेता हैं। उन्होंने कहा:

“अवैध घुसपैठियों तक मैं एक सन्देश पहुँचाना चाहता हूँ। अगर आप चाहते हैं कि आपको पीछे न धकेला जाए, अगर आप गिरफ़्तारी से बचना चाहते हैं और अगर आप गोलियों का शिकार नहीं बनना चाहते हैं- तो हमारी सीमाओं की तरफ़ न आएँ। पोलैंड की सीमाओं से दूर रहें। हमलोग या हमारी पुलिस आपको पीटने नहीं आई थी, तुमलोगों ने हमारे देश में घुस कर यहाँ की क़ानून-व्यवस्था का मखौल उड़ाया है। सुरक्षित रहना चाहते हो तो पोलिश सीमा से दूर रहो।”

https://twitter.com/D_Tarczynski/status/1233315471119781888?ref_src=twsrc%5Etfw

उन्होंने पिछले महीने ही ये बयान दिया था, जो कई दिनों से वायरल हो रहा है। पोलैंड पर आरोप लगते रहे हैं कि वो ईसाई घुसपैठियों को तो ले लेता है लेकिन बाकी घुसपैठियों को भगा दिया जाता है। वहाँ अभी ‘लॉ एंड जस्टिस पार्टी’ सत्ता में है, जो दक्षिणपंथी विचारधारा की अगुवाई करती है। उसका नारा ‘पोलैंड फर्स्ट’ आने वाले आम चुनावों में भी बड़ा मुद्दा बना हुआ है। प्रधानमंत्री मैतुसज मोरवीकी का स्पष्ट कहना है कि वो यूरोप को एक नया आकर देकर इसे ईसाइयत के रंग में ढालने के पक्षधर हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया