इमरान खान: कोरोना के सम्मान में, कटोरा लिए मैदान में

इमरान एक चीज में परफेक्ट हैं - भीख माँगने में!

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए विश्व का हर देश इस समय अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस बार भी सिर्फ़ अमीर देशों से अपने लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाते ही दिख रहे हैं।

अभी हाल ही में जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्क देशों के साथ बुलाई गई विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गैर मौजूद होकर ऐंठ दिखाई थी और एक जूनियर मंत्री को भेज दिया था। वहीं, देश में कोरोना के बढ़ते मामले देखकर उनकी सारी हेकड़ी निकल गई।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस के बढ़ते असर को देखते हुए उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बड़े देशों से गुहार लगाई कि उनको पाकिस्तान को लोन देना चाहिए और आर्थिक मदद देनी चाहिए ताकि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सके। बता दें कि पाकिस्तान में मंगलवार को कोरोना वायरस की वजह से पहली मौत हो गई है और संक्रमिक लोगों का आँकड़ा 190 तक पहुँच गया है।

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एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से गरीब देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। अगर यहाँ पर हालात बिगड़ते हैं तो मेडिकल व्यवस्था नहीं संभाल पाएगी, ऐसा सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारत में भी होगा। क्योंकि कोरोना से लड़ने के लिए न उनके पास न क्षमता है और न ही संसाधन। उन्होंने इस साक्षात्कार में इकोनोमिक स्लोडाउन के कारण होने वाली गरीबी और भुखमरी पर भी अपनी चिंता व्यक्त की।

इमरान खान ने कहा कि यही कारण है कि बड़े देशों को छोटे देशों की मदद करनी चाहिए और आर्थिक मदद देनी चाहिए। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ईरान का उदाहरण दिया और कहा कि ईरान पर सैंक्शन लगे हुए हैं, इस वजह से वहाँ पर मौतें हो रही हैं।

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गौरतलब है कि आज समृद्ध देशों से आर्थिक मदद, लोन आदि की माँग करने वाले इमरान खान ने बीते दिनों जब सार्क देशों की प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग में अपने एक जूनियर मंत्री को भेजा था, उस समय न केवल इमरान खान का इस मसले पर गैर जिम्मेदाराना रवैया देखने को मिला था, बल्कि उनके जूनियर मंत्री ने भी इस मसले की जगह जम्मू कश्मीर का रोना रोया था और सभी को मुद्दे से भटकाने की कोशिश की थी। डॉ. जफर मिर्जा ने कहा था कि सार्क के सभी सदस्य देशों में संक्रमण फैला हुआ है। हम दक्षिण एशिया के सभी पीड़ितों के लिए समान रूप से चिंतित हैं। जम्मू-कश्मीर में भी कोरोना के मामले सामने आए हैं। वहाँ हेल्थ इमरजेंसी को देखते हुए सभी तरह के प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए।

यहाँ, बता दें कि इस विडियो कॉनफ्रेंस में नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों से 10 मिलियन डॉलर (74 करोड़ रुपए) का इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि सार्क देश अपनी इच्छा से अनुदान दे सकते हैं। साथ ही पीएम मोदी ने बताया था कि हमने आपदा पीड़ितों की निगरानी के लिए एक पोर्टल तैयार किया है। इसे सार्क के सभी सदस्य देशों के साथ साझा किया जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया