सिर पर चोट के 29 निशान, कुचली हुई नाक… ईरान में अब पुलिस ने 17 साल की लड़की को मार डाला, शव लौटा कर परिवार को धमकाया – मेमोरियल मत आयोजित करना

हिजाब विरोधी प्रदर्शन में शामिल निका शकरामी की ईरान की पुलिस ने कर दी हत्या

ईरान में महिलाओं का हिजाब विरोधी प्रदर्शन थमता नहीं दिख रहा है। इस्लामी मुल्क में अब एक और 17 वर्षीय लड़की को प्रताड़ित करने के बाद पुलिस ने उसकी हत्या कर दी है। ये विरोध प्रदर्शन 22 वर्षीय महासा अमीनी की हिजाब न पहनने के कारण हुई गिरफ़्तारी और पुलिस कस्टडी में उसकी हत्या के बाद शुरू हुए थे। अब तक 92 लोग मारे जा चुके हैं। अब 17 वर्षीय लड़की निका शकरामी को ईरान की पुलिस ने मार डाला है।

इसके बाद लड़की का शव उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया। वो लड़की 9 दिन से गायब थी, जिसके बाद पुलिस ने उसका शव लौटाया है। परिजनों का कहना है कि उसके शव पर उसे टॉर्चर किए जाने के निशान हैं। उक्त लड़की हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में शामिल थी और इसी दौरान गायब हुई थी। वो ईरान की राजधानी तेहरान स्थित केशरवेज़ बुलेवार्ड में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थी। उसके दोस्तों का कहना है कि वो एक निडर लड़की थी।

साथ ही उसने ईरान के इस विरोध प्रदर्शन में जम कर नारेबाजी भी की थी। निका शकरामी की डेड बॉडी पर उसकी नाक कुचले जाने के निशान हैं। साथ ही ऐसा प्रतीत होता है कि उसके सिर पर बार-बार किसी चीज से वार किया गया था। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस हत्याकांड के बाद कहा है कि ईरान किशोरियों को सामान्य जीवन नहीं जीने देना चाहता। निका ने अपनी एक दोस्त को फोन कॉल कर के कहा था कि वो पुलिस से बच कर छिप रही है।

परिवार ने उसकी खोजबीन जेलों से लेकर हर जगह की, लेकिन 9 दिन बाद पुलिस ने एक शव मिलने का दावा किया और उसे परिवार को सौंप दिया। प्रशासन ने उसके ऊँचाई से गिरने की बात कही, लेकिन परिवार का आरोप है कि उन्हें लड़की का चेहरा तक नहीं देखना दिया गया। साथ ही उस लड़की का मेमोरियल भी आयोजित न करने की धमकी दी गई है। कई मृतकों के परिवारों को वहाँ की सरकार ने ऐसी ही धमकियाँ दी हैं।

निका के सिर पर चोट के 29 निशान होने की बात कही जा रही है। ईरान में अब तक 15,000 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए हैं या हिरासत में लिए जा चुके हैं। ईरान में शरिया के तहत 7 साल से बड़ी किसी भी लड़की या महिला को बाल खोलकर बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। ईरान में हिजाब पहनना 1979 की ‘इस्लामी क्रांति’ के बाद से ही अनिवार्य कर दिया गया था। 7 साल से ऊपर की आयु वाली सभी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से ढीले-ढाले कपड़े और एक हेडस्कार्फ़ पहनना आवश्यक है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया