सेना का साथ देने पहुँचे विपक्षी नेता, इजरायल में पूर्व PM ने भी उठाया हथियार: बोले – आ गया हमास को खत्म करने का समय

मोर्चे पर पहुँचे नफ्ताली बेनेट (फोटो साभार : X_AvivaKlompas)

इजरायल पर हमास के हमले के बाद पूरा देश एकजुट हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री और अब विपक्ष के प्रमुख नेता नफ्ताली बेनेट ने सरकार को खुला समर्थन दिया है और जंग के मैदान में जाकर आतंकियों के खिलाफ लड़ाई के लिए हथियार उठा लिए हैं वो रिजर्व ड्यूटी के तौर पर सेना से जुड़ चुके हैं। इजरायल में विपक्षी नेता सरकार के साथ एकजुट हैं। वहीं, भारत सरकार ने इजरायल को खुलकर समर्थन दिया है।

रिजर्व सैनिकों को जुड़ने के आदेश

इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट शनिवार (7 अक्टूबर, 2023) को रिजर्व बलों में शामिल होकर आतंकियों से लोहा लेने मोर्चे पर पहुँच गए हैं। उन्होंने शनिवार को घोषणा की कि आतंकवादियों द्वारा देश के क्षेत्रों में घुसपैठ, इजरायली नागरिकों की हत्या और अपहरण के बाद हमास को ‘उन्मूलन’ करने का समय आ गया है। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) द्वारा आतंकवादी हमलों के मद्देनजर रिजर्व सैनिकों को बुलाने की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद बेनेट को आर्मी रिजर्व में शामिल किया गया।

200 से अधिक लोगों की मौत

इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, कम से कम 300 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। इज़रायली सेना की रिपोर्ट है कि हमास ने अब तक कम से कम 5000 रॉकेट लॉन्च किए हैं। वहीं, इजरायली एयरफोर्स ने कहा है कि वो हमास के सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही है।

इजरायल में अनिवार्य सैन्य सेवा

बता दें कि इजरायल में अनिवार्य सैन्य सेवा है। इसके तहत युवक और युवतियों को तय समय के लिए सेना में ड्यूटी देनी पड़ती है। यही नहीं, उन्हें पूरी जिंदगी में कभी भी, जब तक वो फिट हैं, इमरजेंसी की स्थिति में सेवा देने के लिए बुलाया जा सकता है। ये इजरायल के सभी नागरिकों के लिए बाध्यकारी नियम है। ऐसे में नफ्ताली बेनेट अपनी दूसरी प्रतिबद्धताओं की दुहाई देकर बच सकते थे, लेकिन उन्होंने देश की सुरक्षा को चुना और इस्लामी आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध में अपनी सेना की तरफ से कूद पड़े।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया