लड़की को गोली मारी, डेड बॉडी से रेप किया, फिर काट-काटकर खाया… ‘पागल’ बन सजा से बचा, निमोनिया से मरा नरभक्षी

जापान के नरभक्षी की मौत (चित्र साभार- @coffeehcrime)

जापान के नरभक्षी इंसान सगावा की 73 साल की उम्र में निमोनिया से मौत हो गई है। उसने एक डच छात्रा की हत्या कर उसके शव के साथ रेप किया था। हालाँकि जुर्म कबूलने के बावजूद उसे कभी इसके लिए सजा नहीं हुई। 24 नवम्बर 2022 को उसकी मौत के बाद अंतिम संस्कार में गिने-चुने रिश्तेदार ही शामिल हुए। परिजन उसकी मौत को सार्वजानिक नहीं करना चाहते थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1981 में सगावा पेरिस में रहकर पढ़ाई करता था। वहाँ उसने नीदरलैंड की रेनी हर्टवेल्ट नाम की छात्रा को अपने घर पर बुलाया। सगावा ने अपने घर आई रेनी के गर्दन पर गोली मारी। बाद में उसके शव के साथ रेप किया। हत्या के कई दिनों बाद तक वह डच छात्रा के शव के अलग-अलग हिस्सों को खाता रहा। रेनी की लाश के बचे टुकड़ों को सगावा ने पेरिस के ही बोइस डी बोलोग्ने पार्क में ठिकाने लगाने की पूरी कोशिश की थी।

बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने अपना अपराध भी कबूल कर लिया था। लेकिन साल 1983 में उसे फ्रांस में केस के ट्रायल के लिए फिट नहीं माना गया। फ़्रांसिसी डॉक्टरों ने सगावा को एक मनोरोगी बताया और उसे एक मनोरोग संस्थान में शिफ्ट कर दिया। एक साल बाद 1984 में सगावा को वापस जापान भेज दिया गया। हालाँकि मृतका रेनी के परिजनों ने उसे सजा दिलाने की अपनी कोशिशें जारी रखीं। रेनी के घर वाले चाहते थे कि आरोपित पूरा जीवन जेल में काटे।

सगावा के जापान भेजे जाने के बाद जापानी अधिकारीयों ने पाया कि उसे अस्पताल में भर्ती करने की कोई जरूरत नहीं है। जापानी प्रशासन ने रेनी की हत्या के आरोपित सगावा की समस्या को चारित्रिक दोष बताया। जापानी अधिकारियों ने फ्रांसीसी प्रशासन से सगावा के खिलाफ चल रहे रेनी मर्डर केस की फाइलें सौंपने के लिए कहा। हालाँकि फ़्रांस की तरफ से पूरे मामले को बंद कर दिया गया था और जापान को रेनी की हत्या से जुड़े कागज़ात नहीं मिल पाए।

सगावा ने बाद में रेनी की हत्या को अपनी प्रसिद्धि के लिए इस्तेमाल किया। कुछ समय बाद उसने ‘इन द फॉग’ नाम का एक उपन्यास भी लिखा। इस नॉवेल में सगावा ने रेनी की हत्या के बारे में विस्तार से बताया है। सगावा द्वारा की गई रेनी की हत्या का जिक्र जापान के प्रसिद्ध उपन्यासकार जुरो कारा ने भी अपने नॉवेल ‘लेटर फ्रॉम सागावा-कुन’ में किया है। इस नॉवेल ने साल 1982 में जापान का सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक इनाम भी जीता था।

इसके अलावा सगावा लगातार जापान की नेशनल और विदेशी मीडिया को इंटरव्यू भी देता रहा। उसे एक एडल्ट पत्रिका में भी छपने का मौक़ा मिला। बाद में उसने ब्लू फिल्म में भी काम किया। सगावा द्वारा की गई रेनी की हत्या पर कई ग्राफ़िक़ों के साथ एक कॉमिक भी बनी थी। अपनी क्रूरता के चलते सगावा को रोलिंग स्टोन्स और द स्ट्रेंजलर्स के गीतों में स्थान मिला था।

पिछले काफी समय से वह व्हील चेयर पर था। साल 2017 में सगावा के बयानों और नरभक्षी हरकतों पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनी थी। अपना अंतिम समय सगावा ने अपने भाई के साथ बिताया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया