भारत सरकार ने बचा कर निकाला था, अब Pak के रास्ते फिर काबुल पहुँच गई पत्रकार; कहा- ये सपने सच होने जैसा

अगस्त में अफगानिस्तान से वापस भारत आने पर कनिका गुप्ता (बाएँ), वापस काबुल जाने पर कनिका गुप्ता (दाएँ)

स्वतंत्र पत्रकार कनिका गुप्ता पाकिस्तान के रास्ते तालिबान-नियंत्रित क्षेत्र में वापस चली गई हैं। तरीबन पाँच महीने पहले भारत सरकार ने उन्हें युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से बाहर निकाला था। गुरुवार (13 जनवरी 2022) को एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने यह जानकारी दी। कनिका ने लिखा, “पाकिस्तान से होकर गुजरते हुए 10 अद्भुत दिन बिताने के बाद अभी काबुल पहुँची। हाईवे का अनुभव करना एक सपने के सच होने जैसा था… रास्ते में मैंने जो कहानियाँ और प्यार साझा किया, वह जीवन भर मेरे साथ रहेगा।”

कनिका के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

स्वतंत्र पत्रकार ने ट्विटर पर एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें उनकी कार को तालिबान शासित अफगानिस्तान के काबुल शहर में प्रवेश करते हुए देखा जा सकता है।

ट्वीट का स्क्रीनशॉट

कनिका गुप्ता काबुल में उतरने के बाद से अफगानिस्तान में अपनी यात्रा को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर अपडेट कर रही हैं। शनिवार (15 जनवरी, 2022) को उन्होंने सरकारी ऑफिस के बाहर अफगानों पर तालिबान द्वारा नजर रखने की घटना को लेकर ट्वीट किया और कहा, “आप पर नजर रखने का सही तरीका नहीं है।”

कनिका के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

उसी दिन एक अन्य ट्वीट में उन्होंने ‘कोविड-19 के प्रति जागरूक तालिबान’ की तस्वीर पोस्ट की थी।

कनिका के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

कनिका गुप्ता ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के दौरान भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई

पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में प्रवेश करने के बाद काबुल की सड़कों पर घूम रही कनिका गुप्ता को काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद अगस्त में मदद की सख्त जरूरत थी। पिछले साल 15 अगस्त को एक ट्वीट में स्वतंत्र पत्रकार कनिका गुप्ता ने दावा किया था, ”राजधानी प्यारी काबुल उखड़ने लगी है। आशा का खत्म होते देखना लोगों की मृत्यु देखने से कहीं अधिक कठिन है।”

उन्होंने कहा, “एक ऑफिस में एक महिला सुरक्षा ब्रीफिंग में खबर आई कि तालिबान शहर में प्रवेश कर गया है। कमरे में दहशत फैल गई, सभी महिलाएँ रोने लगीं। उन्होंने कहा, सब खत्म हो गया है।” कनिका गुप्ता ने तब सत्ता के सुचारू रूप से चलने की उम्मीद जताई थी। स्वतंत्र पत्रकार ने मोदी सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा था, “लेकिन शहर में बहुत दहशत है और सरकार कोई जवाबदेही नहीं ले रही है। इसलिए हम अपने दम पर हैं।”

कनिका के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

काबुल में भारतीय दूतावास पर असहयोग का आरोप लगाते कनिका गुप्ता ने कहा था कि एक भारतीय व्यक्ति का पासपोर्ट उसके एम्पलॉयर (Employer) द्वारा ले लिए जाने के कारण वह तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्र में फँस गया था। उन्होंने कहा, “जब उन्होंने भारतीय दूतावास को फोन किया तो वे कहते हैं कि अगर आपका मालिक आपको नहीं छोड़ना चाहता तो हम क्या कर सकते हैं? क्या यह सच में हो रहा है? मैं सरकार की मदद के बिना यहाँ फँसे भारतीयों के लिए चिंतित हूँ।”

कनिका के ट्वीट का स्क्रीनशॉट
ट्वीट का स्क्रीनशॉट

जब एक ट्विटर यूजर (@mechirubhat) ने बताया कि गुप्ता ने अफगानिस्तान से निकाले जाने के बाद भारत सरकार को धन्यवाद देने की भी जहमत नहीं उठाई तो पत्रकार ने दावा किया कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य था। इसलिए उन्हें इसके लिए सरकार को धन्यवाद देने की आवश्यकता नहीं है।

कनिका गुप्ता के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

भारत लौटने पर उन्होंने काबुल शहर से भागने की अपनी दुख भरी कहानी सुनाई थी। उन्होंने इंडिया टुडे से आपबीती साझा करते हुए कहा था, “जब मैं विमान सी-17 में चढ़ने वाली था तो मैंने टरमैक पर जो देखा, वह बेहद भयानक था। कितनी टूटी-फूटी चप्पलें थीं, एक औरत का दुपट्टा, एक बच्चे की टूटी-फूटी गुड़िया। केवल यह कल्पना करने के लिए कि बच्चे ने अपनी आखिरी दौड़ के दौरान अपनी गुड़िया उठा ली होगी! यह बहुत हृदयविदारक था।”

कनिका गुप्ता के इंस्टाग्राम पोस्ट का स्क्रीनशॉट

इस महीने की शुरुआत में कनिका गुप्ता ने पड़ोसी देश पाकिस्तान की यात्रा की थी। उन्होंने लाहौर, इस्लामाबाद और पेशावर जैसे प्रमुख शहरों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किस्सा ख्वानी बाजार में एक चाय की दुकान का एक वीडियो पोस्ट किया था, जो भारतीयों के लिए प्रतिबंधित है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया