दक्षिण अफ्रीका में तबाही मचा रहा कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन, वैक्सीन लेने वाले भी खतरे की जद में? PM मोदी ने की बड़ी बैठक

दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट से बढ़ी चिंताएँ (प्रतीकात्मक चित्र साभार: Siphiwe Sibeko/Reuters)

दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट को लेकर दुनिया के अन्य देशों की चिंताएँ भी बढ़ गई हैं, क्योंकि ये काफी तेज़ी से फ़ैल रहा है।इसे B.1.1.529 वेरिएंट नाम दिया गया है, जिसका फ़िलहाल भारत में कोई मामला नहीं मिला है। दक्षिण अफ्रीका, हॉन्गकॉन्ग और बोस्तवाना से होकर आने वाले यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के लिए केंद्र सरकार आदेश जारी कर चुकी है। पड़ोसी देश बोस्तवाना में मिले इसके पहले मामले के बाद से ही दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक इसका अध्ययन करने में लगे हुए हैं।

कोरोना के इस वेरिएंट में भी उतने ही म्यूटेशंस हैं, जितने डेल्टा में हैं। लेकिन, ये बाकियों के मुकाबले तेज़ी से फ़ैल रहा है, इसीलिए इसके प्रसार को रोकना अति आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘Omicron’ नाम देते हुए इसे चिंताजनक स्ट्रेन की श्रेणी में रखा है। विशेषज्ञ अध्ययन कर रहे हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों में ये संक्रमण हो सकता है या नहीं, वैक्सीन इसके खिलाफ कितना काम करता है और वैक्सीनेटेड लोगों में ये किस स्तर का प्रभाव डाल सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि फ़िलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, इसके इसकी रोकथाम ज्यादा ज़रूरी है। 6 करोड़ की जनसंख्या वाले दक्षिण अफ्रीका में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 29 लाख मामले मिले हैं, जिनमें से 89,000 लोगों को अपनी जान भी गँवानी पड़ी। दक्षिण अफ्रीका से हॉन्गकॉन्ग जाने वाले लोगों में भी कोविड-19 का ये स्ट्रेन पाया गया है। दक्षिण अफ्रीका के प्रांतों गौटेंग और राजधानी जोहान्सबर्ग में इसके ज्यादा मामले मिले हैं।

ये देश का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला प्रांत भी है। दक्षिण अफ़्रीकी विशेषज्ञों ने अपने देश को अलग-थलग किए जाने की बजाए विश्व समुदाय से इसका समर्थन व मदद करने की अपील की है। इस साल मई में पहली बार मिला ये वेरिएंट अब तक 7 देशों में फ़ैल चुका है। पिछले एक सप्ताह में दक्षिण अफ्रीका में मामले जिस तरह से बढ़े हैं, वहाँ फिर से लोगों के सामूहिक जुटान पर रोक लगाई गई है। रोज ढाई हजार के आसपास मामले आ रहे हैं। WHO की एक बैठक भी इस सम्बन्ध में हुई है।

UK ने 6 देशों को ‘रेड लिस्ट’ में डाल कर वहाँ से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है। दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, जिम्बाब्वे, बोस्तवाना, लेसोथो और एसवातिनि से आने वाली फ्लाइट्स पर वहाँ रोक लगाई गई है। भारत में अगर बाहर से किसी आने वाले व्यक्ति में ये स्ट्रेन मिलता है तो तुरंत उसे जाँच के लिए भेजा जाएगा। इन देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के कॉन्टेक्ट्स को भी ट्रेस किया जाएगा और निगरानी रखी जाएगी। दिल्ली सरकार ने भी एक बैठक की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पीएम के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल के साथ भारत में कोरोना टीकाकरण की स्थिति और कोरोना संक्रमण को लेकर बैठक की। इजरायल से आने वालों को भी स्पेशल जाँच की प्रक्रिया से गुजरना होगा। ‘विश्व व्यापार संगठन (WTO)’ ने भी खतरे को देखते हुए अपनी मिनिस्टीरियल कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया है। अमेरिका के न्यूयॉर्क में इसे लेकर स्टेट इमरजेंसी का ऐलान किया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया