रेड बिकनी गर्ल: 18 की उम्र और जहाज में छेद कर समुद्र में छलांग… कम्युनिस्टों को चकमा देने की एक नायाब कहानी

ऑस्ट्रेलिया की मीडिया ने लिलियाना गैसिन्काया को 'लाल बिकनी वाली सुंदरी' कहा था

70 का दशक। सोवियत यूनियन (USSR) और अमेरिका की प्रतिद्वंद्विता। दुनिया कोल्ड वॉर के दौर से गुजर रही थी। उसी दौर में कई लोगों ने USSR से पलायन भी किया। इनमें एक 18 साल की लड़की भी थी, जिसे दुनिया ने ‘रेड बिकनी गर्ल’ के नाम जाना।

रेड बिकनी गर्ल यानी लिलियाना गैसिन्काया (Liliana Gasinskaya) को तब सनसनी बनीं जब वह कम्युनिस्टों को चकमा देकर ऑस्ट्रेलिया पहुँचने में कामयाब रही। वह भी समुद्री रास्ते से। इस घटना के 41 साल बाद केजीबी की वह सीक्रेट फाइल सामने आई है जिसमें गैसिन्काया के बारे में सूचनाएँ हैं।

1979 में ऑस्ट्रेलिया की मीडिया में सिर्फ गैसिन्काया की ही चर्चा थी। ‘डेली मिरर’ ने उन्हें ‘लाल बिकनी वाली सुंदरी’ कहा था, क्योंकि वो इसी ड्रेस में क्रूज के एक छेद से किसी तरह निकलीं और तैरते हुए सिडनी हार्बर पहुँची थीं। लिलियाना गैसिन्काया को ऑस्ट्रेलिया में शरण मिली और उन्होंने वहाँ की पत्रिका ‘पेंटहाउस’ के लिए न्यूड तस्वीरें भी क्लिक करवाईं। पत्रिका ने उनकी तस्वीर को बीच के दो पन्नों पर जगह दी और लिखा – ‘लाल बिकनी वाली सुंदरी, बिना बिकनी के।’

वैसे तो उनकी इस बहादुरी भरी तैराकी के 41 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अब जाकर रूस की खुफिया एजेंसी KGB की वो फाइल सामने आई है, जिसमें इसके डिटेल्स हैं। असल में वो ‘SS Leonid Sobinov’ जहाज में लिफ्ट अटेंडेंट और वेट्रेस थीं। ये जहाज ओडेस्सा के ब्लैक सी पोर्ट से ऑपरेट किया जाता था। लाल बिकनी में ऑस्ट्रेलिया पहुँचीं लिलियाना गैसिन्काया को एक व्यक्ति अपने पालतू कुत्ते के साथ दिखा, जिससे उन्होंने कपड़े और मदद माँगी थी।

हालाँकि, इस दौरान एक अखबार की भी चाँदी हो गई और इससे पहले कि ऑस्ट्रेलिया या सोवियत रूस की खुफिया एजेंसियाँ उन्हें ढूँढ पाती, उससे पहले ही ‘The Mirror’ उन्हें लेकर एक सेक्रेट जगह पर ले गई और उसके बाद कई एक्सक्लूसिव खबरों के साथ-साथ बिकनी में उनकी कई तस्वीरें भी प्रकाशित की। लिलियाना ने बताया था कि उन्होंने एक बिकनी और अँगूठी के अलावा सब कुछ छोड़ दिया था, क्योंकि उन्हें पता था कि वो कुछ भी लेकर जाएँगी तो वो लोग उन्हें पकड़ लेंगे।

वो जहाज में एक बिस्तर के ऊपर चढ़ीं और फिर एक पोर्टहोल के माध्यम से बाहर निकल आईं। KGB का एक अधिकारी लियोनिड सोबिनोव उनका पीछा कर रहा था और ऑस्ट्रेलिया के तटों पर लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने किसी ऐसी लड़की को देखा है। वहाँ के कम्युनिस्ट सरकार ने इसे गद्दारी के रूप में देखा। जनवरी 14, 1979 को लिलियाना गैसिन्काया ने क्रू पार्टी में हिस्सा नहीं लिया था और सिरदर्द का बहाना बनाया था।

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उनके भागने के बाद जहाज में एक कागज का टुकड़ा भी मिला था, जिसमें उन्होंने अंग्रेजी के कुछ शब्द सीख कर प्रैक्टिस किए थे। इसमें शामिल था कि वो कैसे ऑस्ट्रेलिया में शरण के लिए मदद माँगेंगी। उनकी माँ एक अभिनेत्री और पिता संगीतकार थे। USSR में उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला भी चल रहा था। वो अपने साथ रुपए और पासपोर्ट तक नहीं ले गई थीं, जो जहाज के केबिन में ही पड़े रह गए थे।

अब भी रूस के ख़ुफ़िया अधिकारी यही मानते हैं कि लिलियाना गैसिन्काया को एक प्रोपेगेंडा की तरह अमेरिका ने बाहर निकाला था। शिप के कप्तान का कहना था कि वो रात की पार्टियों में अजनबियों से मिलती थीं और उन्हें किस करती थीं, जबकि जहाज पर विदेशियों के साथ नजदीकियाँ बढ़ाने पर प्रतिबन्ध था। वो अंग्रेजी सुधारने के बहाने ये सब करती थीं। विदेशियों से दूर रखने के लिए 2 बार उनका ट्रांसफर भी हुआ था।

लिलियाना को ‘पेंटहाउस’ के फोटोशूट के लिए $15000 मिले थे। उनका कहना था कि सोवियत संघ (USSR) में तो ऐसा कुछ भी करने पर प्रतिबंध था, जो सेक्सी हो। एक फोटोग्राफर से रिलेशनशिप के कारण उन्हें DJ की नौकरी मिली और एक टीवी शो में भी काम मिला। उनके तीन बच्चे भी हुए। उन्होंने एक शादी भी की, जो 6 वर्षों के बाद ही टूट गई। वो फिर लाइमलाइट से दूर लंदन जाकर रहने लगीं। भागने के एक साल बाद ही सोवियत ने उनकी नागरिकता छीन ली थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया