फिल्म प्रोडक्शन में उतरीं मलाला यूसुफजई, मुस्लिम लेखकों-निर्देशकों को देंगी मौका: लोग पूछ रहे – ईरान की महिलाओं के साथ सड़क पर कब उतरोगी?

मलाला यूसुफजई से लोग पूछ रहे कि वो ईरान की महिलाओं के लिए सड़क पर कब उतरेंगी?

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाल यूसुफजई ने अब फिल्म प्रोडक्शन की दुनिया में कदम रखा है। इससे पहले उन्होंने एप्पल टीवी के साथ 4 ड्रामा सीरीज के लिए डील साइन की थी, वहीं अब ‘Extracurricular’ ने ‘Indie Studio A24’ के साथ एक फिल्म बनाने के लिए करार किया है। इसमें दक्षिण कोरिया के जेजु द्वीप पर रहने वाली मछलीपालक महलाओं के समुदाय ‘Haenyeo’ पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी शामिल हैं।

हालाँकि, उधर मलाला यूसुफजई से लोग ईरान की महिलाओं के साथ सड़क पर उतर कर हिजाब का विरोध करने की माँग कर रहे हैं। मलाला यूसुफजई ने एक ट्वीट कर कहा था कि उन्हें बाल ढकने के लिए कहा जाएगा तब भी वो प्रदर्शन करेंगी और हिजाब हटाने के लिए कहा जाएगा तब भी विरोध करेंगी। ईरान में हिजाब न पहनने के कारण वहाँ की पुलिस ने महसा अमिनी नामक महिला की हत्या कर दी, जिसके बाद वहाँ बड़ी संख्या में महिलाएँ सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर ही हैं।

उधर इस मामले में मलाला यूसुफजई के ट्वीट को ‘खानापूर्ति’ बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सॉइल मीडिया पर ट्रॉलिंग झेलने के बाद उन्होंने एक ट्वीट कर के इतिश्री कर ली। ‘इंडिया टुडे’ की पत्रकार ज्योति गुप्ता ने ‘iChowk’ पर प्रकाशित एक लेख में याद दिलाया है कि कैसे कर्नाटक में हिजाब के समर्थन में मुस्लिम छात्राओं के प्रदर्शन के समर्थन में मलाला मुखर थीं। उन्होंने लिखा कि मलाला यूसुफजई का बयान इससे नरम नहीं हो सकता था और इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है, चॉइस का मामला नहीं है।

जहाँ तक मलाला यूसुफजई की बात है, वो अब फिल्म निर्माण में व्यस्त हो गई हैं। उनकी पहली फिल्म Disorientation नामक पुस्तक पे आधारित होगी, जो कि एक सटायर है। इसमें एक छात्र को एक युवा कवि के ऊपर थीसिस लिखते हुए दिखाया जाएगा। इसके अलावा एक अन्य पुस्तक Fifty Words for Rain पर वो दूसरी फिल्म बनाएँगी, जो जापान में दूसरे विश्व युद्ध के समय की कहानी है। मलाला यूसुफजई ने कहा कि वो मुस्लिम लेखकों, निर्देशकों को आगे लाने और महिलाओं के ‘विविध रंग दिखाने’ के लिए फिल्म प्रोडक्शन में उतरी हैं

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया