‘गर्भवती अहमदिया औरतों का कर दो कत्ल, बच्चा पैदा हो जाए तो उसे भी मारो’: पाकिस्तानी मौलवी की Video

पाकिस्तान के मौलवी ने गर्भवती अहमदिया औरतों पर हमले का फतवा दिया (चित्र साभार- @UNewsTV)

पाकिस्तान के एक मौलवी ने अहमदिया समुदाय की गर्भवती महिलाओं पर हमला करने का फतवा जारी किया है। मौलवी का नाम मुहम्मद नईम चट्ठा कादरी है। मौलवी का तर्क है कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है जिस से कोई नया अहमदिया पैदा न होने पाए। इसी के साथ मौलवी के मुताबिक इस्लाम की बुराई करने वालों के लिए ‘सिर तन से जुदा’ की ही सज़ा होनी चाहिए। मुहम्मद नईम का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

वायरल हो रहे वीडियो में मौलवी पंजाबी भाषा में बोलता दिखाई दे रहा है। उसने महमूद गज़नवी का नाम लिया और अहमदिया समुदाय की गर्भवती औरतों पर हमले का फतवा दिया। अपने बयान में मौलवी ने पाकिस्तान के पुलिस प्रशासन को भी चेतावनी दी। उसने कहा, “अगर कोई पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी मेरी बात को सुन रहे हों तो ये जान लें कि हम रुकने वाले नहीं हैं।” मौलवी के बयान पर मंच के नीचे भीड़ में से विरोध के बजाए समर्थन में नारेबाजी होती रही।

मौलवी ने साफ तौर पर कहा कि इस्लाम की निंदा करने वालों के लिए सिर तन से जुदा की सज़ा मुकर्रर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौलवी ने आगे कहा, “अगर हम गर्भवती अहमदिया महिलाओं को मारने में सफल नहीं हो पाएँ तो उन बच्चों को पैदा होने के बाद कत्ल कर दो।” मौलवी मुहम्मद नईम चट्ठा कादरी पाकिस्तान के प्रतिबंधित और कट्टरपंथी कहे जाने वाली जमात तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) का सदस्य है।

इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स कमेटी ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। एक पत्र जारी करते हुए कमेटी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में हस्तक्षेप करने और अहमदियों की रक्षा करने की माँग की। इसी पत्र में बताया गया है कि तहरीक-ए-लब्बैक का पाकिस्तान में अहमदियों के खिलाफ हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। पत्र में अगस्त 2022 में पाकिस्तान में हुई नसीर अहमद की हत्या का जिक्र किया गया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक हत्या के दौरान नसीर अहमद 62 साल के थे। वो 3 साल की बच्ची के पिता थे जब उन्हें रबवाह शहर में चाकुओं से गोद दिया गया था। माना जा रहा है कि इस फतवे के बाद अहमदियों पर हमलों की तादाद बढ़ सकती है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया