अमेरिका में इस बार दिवाली का उत्सव काफी धूम-धाम से मनाया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडन ने व्हाइट हाउस में अब तक के सबसे बड़े दिवाली समारोह की मेजबानी की। वहीं न्यूयॉर्क शहर में भी लोगों ने दिवाली मनाई। न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने दिवाली के मौके पर लोगों से भगवान राम, सीता के दिखाए मार्ग पर चलने और और ‘प्रकाश की किरण’ बनने के लिए कहा। उन्होंने माँ सीता की सराहना करते हुए कहा की वह एक मजबूत महिला थीं, किसी भी प्रलोभन के आगे नहीं झुकी। वह दृढ़ और प्रतिबद्ध थी।
दिवाली की सीख को अपनाने की सलाह देते हुए उन्होंने मंगलवार (25 अक्टूबर, 2022) को कहा, “अँधेरा बहुत है। हम केवल उन जगहों को खोजने की इच्छा में उलझे हुए हैं जिनसे हम असहमत हैं ।”
एडम्स ने भारतीय-अमेरिकी, दक्षिण एशियाई और अन्य समुदायों के प्रमुख सदस्यों की एक बड़ी सभा को दीवाली की शुभकामनाएँ दीं। उनके आधिकारिक आवास पर दिवाली समारोह का आयोजन किया था। उन्होंने कहा, “आओ राम की तरह जीवन जीएँ, सीता की तरह जीवन जीएँ। आइए दिवाली की सीख को अपनाएँ। यह छुट्टी जिस चीज़ का प्रतिनिधित्व करती है, उसको जीते हैं, तब हमें पता चलेगा कि हमने अपनी जिम्मेदारी और दायित्व को पूरा किया है।”
उन्होंने कहा, “दीपावली हम सबके लिए साथ बैठने, संवाद करने और सिखों के खिलाफ घृणित अपराधों को ख़त्म करने का पर्व है। अंधेरा बहुत है और हमें प्रकाश की किरण बनने की जरूरत है, जो देश को दिखाए कि हमें अंधेरे को दूर करने की जरूरत है।”
इस कार्यक्र में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल और न्यूयॉर्क असेंबली की सदस्य जेनिफर राजकुमार भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा, “अगर हम केवल एक दिन के लिए अंधेरे को दूर करने का जश्न मनाते हैं, तो हम दिवाली के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। हमें हर दिन उस परिमाण और उस ऊँचाई पर रहना चाहिए।” वहीं एडम्स ने कहा, “मेरे सिख भाइयों और बहनों लोगों के धर्म और आस्था की परवाह किए बिना अपने गुरुद्वारों में हजारों लोगों को खाना खिलाते हैं, जिसमें कोविड -19 महामारी भी शामिल है।”
इससे एक सप्ताह पहले न्यूयॉर्क शहर के पब्लिक स्कूलों में रोशनी के त्योहार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। न्यूयॉर्क में प्रांत कार्यालय के लिए निर्वाचित होने वाली भारतीय मूल की जेनिफर राजकुमार ने राज्य की राजधानी में कानून पेश किया जो स्कूल कैलेंडर में दिवाली के लिए जगह बनाता है। राजकुमार ने कहा, ”हिंदू-अमेरिकियों के रूप में, यह हमारे लिए यह देखने का समय है कि हम कौन हैं। हमारी संस्कृति ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर को प्रेरित किया, जिन्होंने कहा था कि भारत के महात्मा गाँधी सामाजिक परिवर्तन के लिए उनके आंदोलन के ‘गाइडिंग लाइट’ थे।
महिलाओं का सम्मान करने के महत्व पर जोर देते हुए, एडम्स ने कहा, “जब भी हम दिवाली के बारे में सोचते हैं, हमें राम का ख्याल आता है और हम बुराई के खिलाफ लड़ाई के बारे में सोचते हैं। लेकिन जब आप उस महत्वपूर्ण कहानी को देखते हैं, तो सीता को मत भूलना, उस कथा से सीता को बाहर मत करना। सीता एक मजबूत महिला थीं, जो किसी भी प्रलोभन के आगे नहीं झुकी, वह दृढ़ और प्रतिबद्ध थी।”