शुरू हुआ मोदी सरकार का ‘ऑपरेशन कावेरी’, पहले जत्थे में सूडान में फँसे 500 भारतीयों को लाया जा रहा वापस: गृह युद्ध में अब तक गई 413 जानें

सूडान से भारत आने के लिए पोर्ट सूडान पहुँचे लोग (फोटो साभार: @DrJaishankar का ट्विटर अकाउंट)

अफ्रीकी देश सूडान गृह युद्ध से जूझ रहा है। ऐसे में वहाँ फँसे भारतीयों ने अपनी जान बचाने के लिए भारत सरकार से गुहार लगाई थी। इसको लेकर सरकार ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। इसके तहत सूडान में फँसे भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। 500 से अधिक लोग भारत आने के लिए पोर्ट सूडान पहुँच चुके हैं। जहाँ से वह भारत आने के लिए उड़ान भरेंगे।

कैसे बने गृह युद्ध के हालात

सूडान में गृह युद्ध सेना और अर्धसैनिक बल यानी मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच जंग के कारण शुरू हुआ है। निश्चित तौर पर सूडान में गृह युद्ध 15 अप्रैल 2023 से शुरू हुआ। लेकिन इसकी नींव 4 साल पहले यानी साल 2019 में पड़ चुकी थी। दरअसल, अप्रैल 2019 में सेना ने करीब तीन दशक से देश की सत्ता में काबिज राष्ट्रपति उमर अल बशीर को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसमें सेना का सहयोग देश में लोकतंत्र का समर्थन करने वाले लोगों ने प्रदर्शन कर किया। सेना ने तख्तापलट तो कर दिया था। लेकिन इसके बाद लोग सरकार में अपनी हिस्सेदारी की माँग करने लगे।

इसके बाद सूडान में सेना और देश के नागरिकों को मिलाकर नई सरकार का गठन किया गया। लेकिन अक्टूबर 2021 में सेना ने तख्तापलट करते हुए पूरी सत्ता अपने हाथ में ले ली। इसके बाद से संप्रभु परिषद देश को चला रही है। इसमें सेना और अर्धसैनिक बल बराबरी की भूमिका में हैं। हालाँकि इस परिषद के अध्यक्ष यानि सरकार की कमान सूडान के सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतह अल बुरहान के पास है। एक तरह से वह देश के राष्ट्रपति है। वहीं, इसके उपाध्यक्ष या उपराष्ट्रपति का पद अर्धसैनिक बल प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगलो के पास है। मौजूदा सरकार, यानी सेना अर्धसैनिक बल का सेना में विलय चाहती थी। लेकिन अर्धसैनिक बल इसके लिए तैयार नहीं थे।

अर्धसैनिक बल का कहना था कि विलय का फैसला 10 वर्षों के लिए टाला जाए। वहीं, सेना 2 वर्षों के भीतर ही अर्धसैनिक बलों का सेना में विलय चाहती थी। इसी मुद्दे को लेकर सेना और अर्धसैनिक बल आमने-सामने हैं। शुरुआत में ऐसा माना जा रहा था कि यह पूरा मामला आपसी बातचीत से निपट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल एक दूसरे के ठिकानों पर कब्जा करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

सूडान में गंभीर हालात, भारत सरकार ने शुरू किया ‘ऑपरेशन कावेरी’

‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)’ के अनुसार, सूडान में जारी हिंसा के चलते अब तक 413 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 9 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, 3551 लोग घायल हुए हैं। सूडान में रह रहे लोगों की हालत बेहद खराब होती जा रही है। लोगों को खाना तो दूर की बात पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है। वहाँ फँसे भारतीय बाथरूम के नल से आने वाले पानी को पीने के लिए मजबूर हैं। गृह युद्ध शुरू होने के अगले ही दिन यानी 16 अप्रैल को वहाँ रह रहे भारतीय नागरिक अल्बर्ट ऑगस्टीन की गोली लगने से मौत भी हो गई थी।

सूडान में लगातार खराब हो रहे हालात के चलते वहाँ फँसे भारतीयों ने अपनी जान बचाने के लिए भारत सरकार से गुहार लगाई थी। सूडान में अब भी चार हजार भारतीय फँसे हुए हैं। इन सभी को सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार ने पूरा प्लान तैयार करते हुए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत ही करीब 500 भारतीय नागरिकों को सूडान पोर्ट लाया जा चुका है।

‘ऑपरेशन कावेरी’ और सूडान में फँसे भारतीयों को वापस लाने को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा है, “सूडान में फँसे भारतीयों को निकालने का काम शुरू हो चुका है। करीब 500 नागरिकों को पोर्ट सूडान लाया जा चुका है। इनके अलावा कुछ और नागरिक वहाँ पहुँचने वाले हैं। हमारे शिप और एयरक्राफ्ट भारतीयों को वापस लाने के लिए तैयार हैं। हम सूडान में अपने सभी भारतीयों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया