एक निर्दोष हिंदू छात्र और कश्मीर की पूरी आबादी: जिस मोसाब हसन की वीडियो के कारण NIT श्रीनगर में बवाल, उसने कहा- तंग आ गया हूँ मुस्लिमों की धमकी से

NIT श्रीनगर में हुए बवाल पर बोले मोसाब हसन युसूफ

श्रीनगर के NIT में पढ़ने वाले हिंदू छात्र प्रथमेश शिंदे द्वारा एक वीडियो स्टेटस पर लगाने के बाद जिस तरह कट्टरपंथी उन पर हमलावर हुए हैं, उसे देख मोसाब हसन युसूफ का बयान आया है। मोसाब वहीं शख्स हैं जो उस वीडियो में थे जो प्रथमेश ने लगाई। इसके अलावा हमास नेता का बेटा होने के नाते भी उनकी पहचान होती है।

हमास नेता के बेटे मोसाब हसन ने प्रथमेश को टारगेट करने वाले कट्टरपंथियों को लेकर लिखा- “कश्मीर के इस्लामी कट्टरपंथी हिंदू छात्र को मारने के लिए धमकी दे रहे हैं जिसने मेरे एक बयान को अपने सोशल मीडिया पर लगा दिया था। क्या ये कट्टरपंथी भूल चुके हैं कि ये हिंदू बहुल देश में अल्पसंख्यक हैं। मेरे पीछे लग जाओ, लेकिन हिंदू छात्र को छोड़ दो”

उन्होंने आगे लिखा, “मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ख़िलाफ़ मुस्लिमों की धमकी से तंग आ गया हूँ। एक निर्दोष हिंदू छात्र और कश्मीर की पूरी आबादी।”

बता दें कि कश्मीर में हिंदू छात्र के खिलाफ ईशनिंदा मामले में केस हुआ है। निग्नीन पुलिस थाने में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए, 153ए, 153 लगाकर केस दर्ज किया गया है। इस मामले पर राजनीति भी हो रही है और पूर्व मेयर शेख इमरान ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। NIT की अनुशासनात्मक समिति ने उक्त हिंदू छात्र को कॉलेज से 1 साल के लिए निकाल दिया है।

इन एक्शन के बावजूद कट्टरपंथी शांत नहीं हैं। हिंदू छात्र को मारने की धमकियाँ आ रही हैं। उससे पहले ये कट्टरपंथी ‘अल्लाहू अकबर, सर तन से जुदा, लब्बैक या रसूल अल्लाह’ के नारे लगाते हुए घूम रहे थे।

लड़के की गलती बस इतनी थी कि उसने मोसाब हसन के कॉन्फ्रेंस की क्लिप को अपने सोशल मीडिया पर डाल दिया। स्टोरी के साथ उसने कुछ लिखा नहीं लेकिन फिर भी कट्टरपंथी बिदक ही गए। इसके अतिरिक्त उसपर ये भी इल्जाम लगाए जा रहे हैं कि उसका संबंध मुस्लिम लड़की से था। स्थानीय मुस्लिमों ये कहकर आग में घी डाल रहे हैं कि प्रथमेश मुस्लिम लड़की को भगवा ट्रैप में फँसाना चाहता था।

गौरतलब है कि मोसाब की विवादित वीडियो क्लिप साल 2012 की है। लॉस एजेंल्स में उन्होंने एक कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए पैगंबर पर कुछ टिप्पणी की थी। इसके अलावा उन्होंने शरीया लॉ की भी आलोचना की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया