‘1984 का दंगा सिख नरसंहार, RSS है इसका जिम्मेदार’: कनाडा के खालिस्तानी MP का प्रलाप, लोगों ने दिलाई याद कैसे स्वयंसेवकों ने बचाई थी जान

जगमीत सिंह ने सिख विरोधी दंगों पर झूठ फैलाया है (चित्र साभार: Ed Times & Global News)

कनाडा की गठबंधन सरकार में शामिल NDP के खालिस्तान समर्थक मुखिया जगमीत सिंह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर नया प्रोपगैंडा फैलाने की कोशिश की है। जगमीत सिंह ने इसे सिखों का नरसंहार करार देते हुए इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को जिम्मेदार बताया है।

जगमीत सिंह ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “आज सिख नरसंहार की 39वीं बरसी है। पहले से राज्य प्रायोजित हिंसा में हजारों सिखों को मार दिया गया था। इस वर्ष हमें पता चला है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। इसने पुराने जख्मों को फिर हरा कर दिया है।”

जगमीत सिंह ने आगे लिखा, “अब सिखों के घावों पर मरहम लगाने के प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कनाडा की NDP 1984 के सिख विरोधी दंगों को नरसंहार मानता है और इसको देखते हुए कनाडा में RSS और इससे जुड़े हुए संगठनों को प्रतिबंधित करने की माँग की है।”

खालिस्तान समर्थक जसमीत सिंह का ये कहना कि सिख विरोधी दंगों के जवाब में वह RSS को कनाडा में प्रतिबंधित करने की माँग कर हैं दिखाता है कि वह सच्चाई से कोसों दूर हैं और इतिहास की जानकारी नहीं रखते हैं। यह भी स्पष्ट होता है कि वह RSS और भारत सरकार के विरुद्ध प्रोपगैंडा फैलाना चाहते हैं।

गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की उनके ही सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके पश्चात दिल्ली समेत उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में दिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। सरकारी आँकड़ों के अनुसार, इन दंगों में 3350 सिखों की हत्या कर दी गई थी।

दंगों की जाँच में सामने आया था कि इनका नेतृत्व कई जगहों पर कॉन्ग्रेस के नेताओं ने किया था। कॉन्ग्रेस नेता जगदीश टाईटलर, सज्जन कुमार और कमलनाथ पर इन दंगों को भड़काने का आरोप लगा था। इसमें सज्जन कुमार को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में जहाँ कमलनाथ को अदालत ने बरी कर दिया था।

वहीं, कॉन्ग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर हत्या और दंगा भड़काने के मामले में दोष सिद्ध हुई थी। इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद देश के प्रधानमंत्री बने उनके पुत्र राजीव गाँधी ने इन दंगों को लेकर कहा था, “जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है।” उन्होंने इस बयान के जरिए दंगों को सही ठहराने की कोशिश की थी।

भाजपा और RSS इस दौरान दिल्ली समेत अन्य जगहों पर सिखों को दंगाइयों से बचा रहे थे। इस बात की पुष्टि जाने-माने सिख लेख खुशवंत सिंह ने स्वयं की थी। हालाँकि, गूगल पर उपलब्ध यह जानकारी खालिस्तानी जगमीत सिंह को नहीं मिली। उसने अपना प्रोपगैंडा चलाने के लिए सिख दंगों के कारण RSS और इसके आनुषांगिक संगठनों को कनाडा में प्रतबंधित करने की माँग कर दी।

जगमीत सिंह के इस कृत्य पर लोगों ने उसे कसकर लताड़ लगाई। एक्स पर एक यूजर संदीप गंडोत्रा ने लिखा, “मेरे पिता, जो कि एक आरएसएस कार्यकर्ता थे, उन्होंने कम-से-कम 200 सिखों की जान इस दंगे के दौरान बचाई थी, लेकिन तुम सिख और सिखी के नाम पर एक धब्बा हो। तुम्हारा सच से कोई लेना-देना नहीं है।”

कार्तिकेय नाम के एक यूजर ने लिखा, “तुम लोग इतिहास से नावाकिफ हो, इसीलिए तुमने एक नाजी को अपनी संसद में बुलाकर सम्मान दिया।”

पत्रकार प्रदीप भंडारी ने लिखा, “अगर हम इस नमूने की बात का भरोसा करें तो उस हिसाब से राजीव गाँधी सरसंघचालक (RSS का मुखिया) थे और जगदीश टाइटलर जैसे लोग स्वयंसेवक थे।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया