नाइजीरिया की 10 में से 7 शर्तें ट्विटर को कबूल, शेष पर भी जल्द हो सकता है राजी: साल के अंत तक बैन हटने की उम्मीद

राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते नाइजीरिया ने ट्विटर को किया है बैन

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने नाइजीरिया में बैन होने के बाद वहाँ की सरकार के अधिकांश नियमों और शर्तों को मान लिया है। शेष शर्तों को भी जल्द ही पूरा कर सकती है। ऐसे में इस साल के अंत तक नाइजीरिया में ट्विटर पर से प्रतिबंध को हटाया जा सकता है। नाइजीरियाई सूचना मंत्री लाई मोहम्मद ने कहा कि सरकार साल के अंत से पहले ट्विटर पर से प्रतिबंध हटाने की उम्मीद कर रही है।

दरअसल, नाइजीरियाई सरकार ने जून में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सेवाओं को देश में बंद कर दिया था, क्योंकि उसने वहाँ के राष्ट्रपित द्वारा अलगाववादियों को हिंसा के लिए चेतावनी वाले ट्वीट को डिलीट कर दिया था। मंत्री ने कहा कि ट्विटर सरकार द्वारा निर्धारित 10 आवश्यकताओं में से 7 का पालन करने के लिए सहमत हो गया है, और सरकार तीन लंबित मुद्दों पर कंपनी की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रही है।

मंत्री ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन को बताया, “ट्विटर ने सरकार के लगभग 70% नियमों और शर्तों को पूरा किया है, उनमें से कई काफी महत्वपूर्ण हैं।” बाकी की तीन शर्तों में एक स्थानीय कार्यालय स्थापित करना, देश में करों का भुगतान करना और प्लेटफॉर्म पर कंटेंट और हानिकारक ट्वीट्स की निगरानी करने के लिए सरकार का सहयोग करना शामिल है।

मंत्री मोहम्मद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्विटर जल्द ही सभी शर्तों का पालन करेगा, ताकि साल के अंत तक प्रतिबंध हटाया जा सके। उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से साल के अंत से पहले इसे शुरू करना चाहते हैं।” मंत्री के मुताबिक, पिछले सप्ताह ट्विटर के अधिकारियों और नाइजीरियाई सरकार के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई थी। हालाँकि, ट्विटर ने मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी इनकार कर दिय़ा है।

लाई मोहम्मद का कहना है कि मीडिया में आई खबरों के विपरीत ट्विटर को राष्ट्रपति बुहारी के ट्वीट को हटाने के लिए नहीं, बल्कि अलगाववादियों को उसका प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने देने के मामले में बैन किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित समूह बियाफ्रा के लोगों द्वारा ट्विटर के इस्तेमाल के चलते उस पर प्रतिबंध लगाया गया था। दरअसल, आईपीओबी दक्षिण-पूर्वी नाइजीरिया को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाना चाहता है, इसीलिए बुहारी सरकार ने उसे एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है।

मंत्री ने कहा, “ट्विटर एक ऐसे समूह के लिए पसंदीदा प्लेटफॉर्म बन गया था, जो पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहा था, उनकी हत्या कर रहा था, सेना की हत्या कर रहा था और एक जातीय समूह के हितों को दूसरे के खिलाफ बढ़ावा दे रहा था। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए हमने उसे बैन कर दिया।” उन्होंने कहा कि ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म को अलगाववादियों के लिए पसंदीदा स्थान बना दिया। इसके कारण देश के राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा पैदा हो गया था, जिस कारण से सरकार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के खिलाफ कदम उठाया।

गौरतलब है कि इसी साल 4 जून को नाइजीरिया ने देश की राजनीति में हस्तक्षेप करने के मामले में ट्विटर पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके कुछ घंटे बाद ट्विटर ने राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी द्वारा अलगाववादी आंदोलनों के खिलाफ चेतावनी वाले एक ट्वीट को हटा दिया था। ट्वीट में, बुहारी ने 1967-1970 में देश के 30 महीने के गृहयुद्ध का संदर्भ दिया था, जिसमें उन्होंने सरकार को विफल करने की कोशिश करने वाले लोगों को चेतावनी दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया