ना कोई निष्कर्ष, ना ही रखा जाएगा कोई रिकॉर्ड… कश्मीर पर UNSC में होगी सिर्फ अनौपचारिक बैठक

इमरान खान के 'कुर्ता-फाड़' चिल्लाने का भी कोई असर नहीं!

चीन की दखल के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आज (अगस्त 16, 2019) कश्मीर मामले पर सदस्य देशों की एक बंद कमरे में एक अनौपचारिक बैठक होने वाली है। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में चीन ने जम्मू-कश्मीर मसले पर पाकिस्तान की शिकायतों को सुनी जाने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि केवल चीन के हस्तक्षेप के कारण आज कश्मीर मामले पर UNSC को अनौपचारिक तौर पर गौर करना पड़ रहा है, नहीं तो इससे पहले पाकिस्तान के बहुत कहने पर भी UNSC की अध्यक्ष ने इस पर टिप्पणी करने से साफ़ मना कर दिया था। आज 50 सालों बाद वहाँ इस मामले पर बंद कमरे में कोई बैठक होगी। आखिरी बार यूएनएससी में इस मसले पर 1971 में बैठक हुई थी। भारतीय समय के अनुसार ये बैठक शाम के 7:30 बजे बंद कमरे में होनी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक इस बैठक के बारे में बताते हुए एक राजनियक ने बताया कि इस बैठक में कश्मीर मसले पर विचारों का आदान-प्रदान होगा। जिसमें आधिकारिक रूप से किसी की बात का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाएगा और न ही उन बातों का कोई रिकॉर्ड रखा जाएगा। साथ ही इस बैठक में हुई कोई बातचीत सार्वजनिक नहीं की जाएगी, क्योंकि ये परामर्श बैठक सिर्फ़ इस मसले पर सदस्यों को बोलने के लिहाज से प्रोत्साहित करने के लिए है। इस बंद कमरे की बैठक में UNSC के 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधि मौजूद होंगे।

गौरतलब है कि अपने बीजिंग दौरे से तुरंत लौटने के बाद बीते मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने UNSC के सदस्यों को कश्मीर मसले पर आपात बैठक बुलाने के लिए चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद पाकिस्तान की गुहार पर चीन ने भी सुरक्षा परिषद के सदस्यों की बैठक बुलाने की माँग की थी। चीन ने इस दौरान अपनी ओर से पोलैंड को आधिकारिक तौर पर खत भी लिखा था। क्योंकि पोलैंड इस महीने UNSC का काउंसिल चेयरमैन है, जिस कारण इस बैठक के लिए उसकी मंजूरी जरूरी थी।

कल तक UNSC में होने वाली इस बैठक को लेकर केवल कयास लगाए जा रहे थे, पर अब खबर आ गई है कि इस मामले पर कोई आधिकारिक बैठक नहीं होगी, लेकिन चाइना के पत्र के मद्देनजर बंद कमरे की बैठक अनौपचारिक बैठक होगी।

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बता दें कि एक ओर जहाँ पाकिस्तान अपनी कश्मीर मामले पर आधिकारिक रूप से आपात बैठक बुलाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा था, वहीं संयुक्त राष्ट्र के सदस्य रूस ने साफ कहा था कि वो इसमें तभी शामिल होंगे जब ये परामर्श बंद कमरे में होगा। जबकि मॉस्को का कहना है कि इस विवाद का हल केवल द्विपक्षीय बातचीत से हो सकता है, इसके अलावा इस मसले का कोई हल नहीं है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया