‘लोग क्या चु%^&* हैं…लोगों में अक्ल नहीं है’: पाकिस्तानी सेना पर भड़कते क्या-क्या कह गए इमरान खान, बताया- ‘रची गई थी मेरी हत्या की साजिश’

इमरान खान (साभार: AP)

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के अलावा, इस्लामाबाद हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान ने शनिवार (13 मई 2023) को अपने मुल्क को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सत्ताधारी शरबाज शरीफ की सरकार के साथ-साथ सेना पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने इस दौरान ‘चुतिंयां’ जैसे असंसदीय शब्द का भी इस्तेमाल किया।

इमरान खान ने कहा, “मेरी वजह से फौज को बुरा-भला गया या उस आदमी (आर्मी प्रमुख) की वजह से? उसने क्या समझा कि लोग ये… क्या लोग चुतिंयां हैं या लोगों मेें अकल नहीं है या लोग बेवकूफ हैं कि जिस आप लगाएँगे उधर लोग लग जाएँगे?” इमरान ने अपने संबोधन के दौरान कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।

अपने संबोधन में इमरान खान ने कहा, “आज हमारा लोकतंत्र एक धागे से लटका हुआ है और न्यायपालिका ही इसे बचा सकती है। यह माफिया न्यायपालिका पर हमला करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इसलिए मैं सबसे पहले देश से हमारी न्यायपालिका और संविधान के साथ खड़े होने के लिए कहता हूँ।” PTI चीफ ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज 145 मामले निराधार हैं।

अल-कादिर मामले: जिस मामले में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था, उसको लेकर उन्होंने कहा, “अल-कादिर ट्रस्ट की स्थापना के पीछे मेरा उद्देश्य पैगंबर मोहम्मद के आलोक में नेताओं का निर्माण करना था। मुझे सबसे ज्यादा दुख इस बात का है कि बुशरा बीबी को भी इस संबंध में नोटिस जारी किया गया था।”

इमरान खान ने कहा कि अल-कादिर विश्वविद्यालय में उनकी बीवी ट्रस्टी थीं। ट्रस्टी वेतन नहीं लेता और वह सेवा के इरादे से काम करा है। खान ने कहा कि उन्होंने अपनी बीवी बुशरा को ट्रस्टी इसलिए बनाया, क्योंकि उन्हें ‘सीरतुन नबी का पूरा ज्ञान’ है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके ट्रस्ट का ऑडिट भी कराया जाता है।

हत्या कराने का आरोप: इमरान खान ने शहबाज शरीफ की सरकार और सेना पर अपनी हत्या कराने के इरादे का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि मुझे मारने के लिए एक योजना तैयार की गई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें पता कि उनकी हत्या की हरी झंडी किसने दी और इसे अंजाम देने वाले कौन थे। उन्होंने कहा कि इन सबसे के बावजूद वे हिंसा में विश्वास नहीं करते।

अराजकता फैलाने का आरोप: इमरान ने देश में अराजकता फैलाने का आरोप आर्मी और शरीफ सरकार पर लगाया। उन्होंने कहा, “18 मार्च को जब मैं इस्लामाबाद में मजिस्ट्रेट की अदालत में गया… उन्होंने लाहौर में मेरे घर पर हमला किया। उन्होंने बख्तरबंद वाहन से गेट तोड़ दिया। लाहौर उच्च न्यायालय का फैसला था कि केवल दो लोग ही सर्च वारंट के साथ मेरे घर आ सकते हैं। इसके बाद भी 35 पुलिसकर्मी घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट की।”

ISPR DG को लताड़ा: इमरान खान ने पाकिस्तानी सेना के प्रोपेगेंडा विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक जनरल अहमद शरीफ द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया। इस महीने की शुरुआत में शरीफ ने कहा था कि इमरान खान ने पाकिस्तानी सेना की छवि को नुकसान पहुँचाया।

इमरान खान ने कहा, “[डीजी] आईएसपीआर साहब, जब मैं जेल में था तब आपने कहा था कि मैं एक पाखंडी हूँ। मैंने सेना को उस हद तक नुकसान पहुँचाया, जितना किसी और ने नहीं। आपने हमें कुचलने की बात कही। डीजी आईएसपीआर साहब, मैं दुनिया भर में अपने देश का प्रतिनिधित्व तब से कर रहा था, जब आप पैदा भी नहीं हुए थे। मैंने सभी मंचों पर अपनी सेना का बचाव किया है।”

सेना पर हमला बोला: इमरान खान ने सेना को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा, “कोई भी किसी राजनीतिक दल को बलपूर्वक समाप्त नहीं कर सकता है और ना ही उसके नेता को जबरन जेल में डाल सकता है। आप मेरी बात नहीं मानेंगे लेकिन मेरा सुझाव है कि आप छोटे, बंद कमरे से बाहर निकलें।”

मीडिया पर रोक: इमरान खान ने कहा, “मेरी गिरफ्तारी के तुरंत बाद मीडिया पर शिकंजा कसा गया। केवल स्टेट वर्जन चलाया जा रहा था, जो हैंडलर्स द्वारा उपलब्ध कराया गया था। उनके (हैंडरलर्स) के पास पर्याप्त समझ नहीं है। वे सभी चैनलों को एक ही फीड दे रहे थे। पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में भी ऐसा ही हुआ – मीडिया को नियंत्रित किया गया था।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया