‘अगर हराम नहीं होता तो संसद में फिदायीन हमला कर मार देता’: पाकिस्तानी PM इमरान के लिए अपने ही सांसदों को धमकी, गुस्से में शहरयार

इमरान खान और शहरयार अफरीदी (फोटो साभार: सच टीवी)

सेना का वरदहस्त हटने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान की मुश्लिकलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ विपक्षी दल उनके खिलाफ गोलबंद हो रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके साथी एक-एक करके उनका साथ छोड़ रहे हैं। वहीं, पार्टी नेताओं के साथ छोड़ने पर PTI के दिग्गज नेता शहरयार अफरीदी ने कहा कि इस्लाम में आत्महत्या हराम नहीं होता तो वे शरीर पर बम बाँधकर संसद में विस्फोट कर देते और सभी सांसदों को मार देते।

इधर, इमरान खान के एक अन्य सहयोगी और बलूचिस्तान में सुलह एवं सद्भाव पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक (SAPM) रहे जम्हूरी वतन पार्टी (JWP) के प्रमुख नवाबजादा शाहजैन बुगती ने भी रविवार (27 मार्च) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और प्रमुख विपक्षी दल बिलावल भुट्टो जरदारी से उनके आवास पर मुलाकात की। बुगती ने कहा कि इमरान खान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वह विपक्ष का समर्थन करेंगे।

बुगती ने कहा कि इमरान खान बलूचिस्तान में विकास के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि वहाँ बदहाली है और केंद्र सरकार वहाँ की स्थिति में सुधार करने में पूरी तरह विफल रही है। बुगती ने कहा कि अपनी राजनीति बचाने के लिए इमरान खान ने दक्षिणी पंजाब में विकास के लिए 500 अरब रुपये की घोषणा की, लेकिन बलूचिस्तान को 8 अरब रुपए नहीं दे सकी। उन्होंने कहा बलूचिस्तान में अस्थिरता के हालात हैं।

दूसरी तरफ, इमरान खान की पार्टी के दिग्गज नेता और कश्मीर के संसदीय समिति के प्रमुख शहरयार अफरीदी ने पार्टी सांसदों और सहयोगी दलों के साथ छोड़ने पर तंज कसा और उन्हें पाखंडी बताते हुए कहा कि विश्वास मत से पहले ही ये ‘जहाज से कूदकर भाग’ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उयदि इस्लाम में आत्महत्या की मनाही नहीं थी तो वे अपने शरीर पर बाँधते और संसद में विस्फोट कर सभी पाखंडियों को मार डालते।

दरअसल, एक सभा को संबोधित करने के दौरान शहरयार अफरीदी यह बात कही। इस दौरान उनकी पार्टी का एक कार्यकर्ता उनकी तरफ पानी का बोतल बढ़ाता दिखा, ताकि वे शांत हो जाएँ। लेकिन, अफरीदी ने उन्हें वहाँ से हटा दिया।

बात दें कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना के सहयोग से विपक्षी दलों के बीच सत्ता की खींचतान जारी है। इस बीच इमरान खान की पार्टी के कम-से-कम 50 सांसद अचानक गायब हो गए। ये सार्वजनिक रूप से कहीं नजर नहीं आए। अविश्वास प्रस्ताव में जीत हासिल करने के लिए विपक्ष को संसद के निचले सदन में कुल 342 सदस्यों में से कम-से-कम 172 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया