‘हथियार डालो या मरो’: पाकिस्तानी सेना की मदद से तालिबान ने ढाह दिया पंजशीर का किला, पहाड़ों में छिप गए हैं सालेह-मसूद?

सालेह और मसूद के पहाड़ों में छिपने का किया जा रहा दावा

अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से ही पाकिस्तान से उसे मदद मिलने की खबरें लगातार सामने आती रही है। अब तालिबान ने दावा किया है कि उसने विद्रोहियों के आखिरी किले पंजशीर पर भी अपना पूर्ण नियंत्रण कर लिया है। यह भी खबर आ रही है कि खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्‍ला सालेह और नेशनल रेजिस्‍टेंस फ्रंट के नायक अहमद मसूद पहाड़ों में छिप गए हैं। साथ ही बताया जा रहा है कि मसूद के बातचीत के प्रस्ताव को खारिज करते हुए तालिबान ने हथियार डालने या मरने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।

https://twitter.com/AFP/status/1434734647955505156?ref_src=twsrc%5Etfw

कुल मिलाकर पंजशीर से आने वाली खबरें पल-पल बदल रही हैं। लेकिन इन सबसे पहले एक बड़ी बात जो निकलकर सामने आई थी वह यह है कि पंजशीर की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना भी तालिबान की मदद कर रही है। खबर है कि यहाँ पाकिस्तानी से ने ड्रोन की मदद से बमबारी की है।

आमजन न्यूज ने पूर्व समांगन सांसद जिया अरियनजद के हवाले से कहा कि पाकिस्तानी ड्रोन ने स्मार्ट बमों का इस्तेमाल कर पंजशीर पर बमबारी की है। नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ने भी ट्वीट कर हुए इसकी जानकारी दी। इस बमबारी में एनआरएफ के कुछ शीर्ष नेताओं के मारे जाने की भी खबर है।  

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नॉर्दन एलायंस के नेता अहमद मसूद ने ट्वीट करते हुए लिखा है, “हमसे तालिबान नहीं लड़ रहा है, बल्कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई उसका नेतृत्व कर रहे हैं। तालिबान हमारे साथ मुकाबला करने के लिए मजबूत नहीं हैं। पाकिस्तानी सेना उसका सहयोग कर रही है।” इससे पहले पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी पंजशीर में पाकिस्तान समर्थित हमले की बात कही थी।

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बता दें कि पिछले दिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख ने तालिबान नेताओं से मिलने, सुरक्षा और सीमा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अफगानिस्तान का दौरा किया था। उनके दौरे के बाद ही पाकिस्तानी वायु सेना ने पंजशीर में बम बरसाए हैं। 

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से ही पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। पिछले दिनों तालिबान ने पाकिस्तान को अपना ‘दूसरा घर’ कहा। वहीं इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री शेख राशिद ने कबूला कि पाकिस्तान तालिबान का संरक्षक है।

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वहीं रविवार (सितंबर 5, 2021) देर रात नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ने युद्ध विराम का प्रस्ताव दिया है। नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि तालिबान पंजशीर में अपने सैन्य अभियानों को रोक दे। बदले में, वह भी अपनी ओर से सैन्य कार्रवाई रोक देगा।

यह प्रस्ताव तालिबान के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद के प्रवक्ता फहीम दश्ती की मौत के बाद सामने आया था। बता दें कि फहीम के अलावा अहमद शाह मसूद के भतीजे और पूर्व प्रमुख मुजाहिदीन कमांडर जनरल साहिब अब्दुल वदूद झोर भी मारे गए हैं। नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान ने अपने फेसबुक पेज पर इन दोनों की मौत की जानकारी दी है। अफगान पत्रकार फ्रूड बेजान ने भी ट्वीट कर जानकारी दी कि पंजशीर में फहीम दश्ती मारा गया है।

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पंजशीर में प्रतिरोध बलों के नेता अहमद मसूद ने रविवार को कहा कि अगर तालिबान क्षेत्र से अपनी सेना वापस लेता है तो वह शांति वार्ता के लिए तैयार हैं। अहमद मसूद ने एक बयान में कहा, “अगर तालिबान समूह पंजशीर और अंदराब में अपने सैन्य हमलों को बंद कर देता है, तो शांति बनाए रखने के लिए NRF युद्ध को तुरंत रोकने के लिए तैयार है।” रिपोर्टों के अनुसार तालिबान ने उनके इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए पंजशीर पर पूर्ण नियंत्रण का दावा किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया