‘मूर्ति पूजन नैतिक तौर पर गलत’: दुर्गा पूजा की अनुमति न देकर पछता रहा ईसाई देश, अब माँगी माफी

पापुआ न्यू गिनी के कोविड कंट्रोलर ने मूर्ति पूजा को ईसाई मूल्यों के खिलाफ बताया था (साभार: RNG)

ईसाई बहुसंख्यक आबादी वाला एक देश जिसका नाम ‘पापुआ न्यू गिनी’ है। वहाँ कुछ दिन पहले कोविड कंट्रोलर डेविड मैनिंग ने हिंदुओं को दुर्गा पूजा के लिए किसी आयोजन की अनुमति देने से मना कर दिया था। उनका तर्क था कि मूर्ति पूजन नैतिक तौर पर गलत है और ईसाइयों की भावनाओं के विरुद्ध है। अब अपने इसी आदेश की बाबत उन्होंने माफी माँगी है।

इस माफी की वजह है- जनता में व्याप्त हुआ रोष। दरसअल, जब कोविड कंट्रोलर ने दुर्गा पूजा की बाबत अपना बयान जारी किया तो स्थानीयों में आक्रोश फैल गया, जिसके बाद मैनिंग ने एक माफी पत्र जारी किया और पिछले बयान को ‘गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण त्रुटि’ करार दिया।

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मैनिंग ने पत्र में माफी माँगते हुए कहा, “18 सितंबर 2021 को डिप्टी कंट्रोलर के कार्यालय से मेरे लिए एक मसौदा आया था, जिसमें मुझे 12-17 अक्टूबर 2021 तक देवी दुर्गा की पूजा करने के आपके निवेदन को अनुमोदित नहीं करने को कहा गया था। राष्ट्रीय महामारी अधिनियम-2020 के नियंत्रक के रूप में मैंने इसका उत्तरदायित्व लिया। मैंने ही कोरोना उप नियंत्रक कार्यालय को विश्वास दिलाया था। दुर्भाग्य से इस मामले में मेरा विश्वास गलत था।”

पत्र में आगे कहा गया है, “मैं इमानदारी से ‘मूर्ति पूजा’ और ‘नैतिक रूप से अनुचित और हमारे ईसाई मूल्यों के खिलाफ’ वाली टिप्पणी के लिए माफी माँगता हूँ। यह कमेंट अपने आप में बहुत ही गलत है और किसी भी तरह से मेरे व्यक्तिगत और पेशेवर विचारों को नहीं दिखाता है। मैं पापुआ न्यू गिनी की सरकार के प्रतिनिधि के रूप में हमारे देश में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करता हूँ।”

मैनिंग ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि दुर्गा पूजा समारोह के लिए अनुमति नहीं देने का बयान कोरोना संक्रमण के जोखिम पर आधारित था। अपने विवादित पत्र को लेकर मैनिंग ने कहा कि पत्र लिखने वाले को अनुशासन में रहने को कहा गया और उप नियंत्रक कार्यालय में भी इसे फिर से जाँचने को कहा गया, ताकि दोबारा ऐसा न हो।

इसके बाद मैनिंग ने प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में और जानकारी माँगी, जिसमें अपेक्षित संख्या और कोरोना से निपटने के प्रोटोकॉल भी शामिल थे, ताकि वो खुद व्यक्तिगत तौर पर एप्लीकेशन का मूल्यांकन कर सकें।

मैनिंग ने दोबारा माफी माँगते हुए कहा, “एक बार फिर मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण गलती के लिए विनम्रतापूर्वक आपसे माफी माँगता हूँ और मैं आशा करता हूँ कि आप इस बात को मानेंगे कि ये जानबूझकर नहीं किया गया था। यदि आप मेरे साथ इस मामले पर व्यक्तिगत रूप से चर्चा करना चाहते हैं तो मैं इसके लिए तैयार हूँ।”

बता दें कि यह माफी उस पत्र के बाद आया है, जिसमें पापुआ न्यू गिनी के हिंदुओं को दुर्गा पूजा समारोह आयोजित करने की अनुमति से इनकार कर दिया था। पत्र में कहा गया था कि दुर्गा पूजा के लिए धार्मिक कार्यों की अनुमति देने से कोरोना के कारण नहीं बल्कि ‘मूर्ति-पूजा ईसाई मूल्यों के अनुरूप नहीं’ के कारण इनकार किया गया था।

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पापुआ न्यू गिनी में ईसाईयत राज्य धर्म

पापुआ न्यू गिनी (PNG) ओशिनिया का एक देश है, जिसमें न्यू गिनी द्वीप के पूर्वी आधे हिस्से और मेलानेशिया में इसके अपतटीय द्वीप शामिल हैं। इंडोनेशिया से सटा यह देश ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में स्थित है। यह 1975 में ऑस्ट्रेलिया से आजाद हुआ था, लेकिन इसके बाद भी यह ब्रिटिश ‘राष्ट्रमंडल’ का सदस्य बना रहा। PNG की कुल आबादी 90 लाख है, जिसमें से करीब 98 फीसदी ईसाई हैं जबकि हिंदू आबादी महज हजारों में है।

इसके संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है कि देश की स्थापना दो बुनियादी सिद्धांतों- सांस्कृतिक विरासत और ईसाई धर्म के आधार पर हुई थी। हालाँकि देश में कोई राज्य धर्म नहीं है। यहाँ के संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है, “उन लोगों की रक्षा करना और उन्हें आगे बढ़ाने की प्रतिज्ञा है जो हमारे बाद हमारी महान परंपराएँ और ईसाई सिद्धांत हैं जो अब हमारे हैं”।

पापुआ न्यू गिनी की संसद का सत्र और अधिकांश सरकारी कार्यालय ईसाई प्रार्थनाओं के साथ खुलते और बंद होते हैं। पापुआ न्यू गिनी की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद ने पिछले साल संविधान के तहत देश को औपचारिक रूप से ईसाई घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। चर्च और राज्य के बीच भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार आक्रामक रूप से काम कर रही है। इसके तहत चर्चों को सब्सिडी देना, स्थानीय मामलों के प्रबंधन में मदद करने के लिए चर्च परिषदों की स्थापना करना शामिल है।

Kuldeep Singh: हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में करीब आधे दशक से सक्रिय हूँ। नवभारत, लोकमत और ग्रामसभा मेल जैसे समाचार पत्रों में काम करने के अनुभव के साथ ही न्यूज मोबाइल ऐप वे2न्यूज व मोबाइल न्यूज 24 और अब ऑपइंडिया नया ठिकाना है।