पेगासस विवाद के पीछे बीडीएस या कतर, वॉशिंगटन पोस्ट की संपादक ने भी फोन नम्बरों की पुष्टि से किया इनकार: एनएसओ सीईओ

पेगासस विवाद के पीछे बीडीएस या कतर: एनएसओ सीईओ

पेगासस विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच इजराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने अपना बचाव किया है। स्पाइवेयर पेगासस के मालिक एनएसओ ग्रुप के सीईओ ने कहा, ”मौजूदा ‘स्नूपगेट’ विवाद के पीछे बीडीएस मूवमेंट या कतर का हाथ हो सकता है।”

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समूह के सह संस्थापक सीईओ शैलेव हुलियो ने इजराइल ह्योम को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ‘संभावित’ पेगासस टार्गेट के रूप में जारी किए गए फोन नंबरों की सूची किसी भी तरह से उनसे जुड़ी नहीं है।

शैलेव हुलियो ने कहा, “जारी की गई सूची से हमारा कोई संबंध नहीं है और न ही इसका कभी कोई संबंध रहा है। ऐसे में अगर हमें यह पता चलता है कि कुछ क्लाइंट थे, जिन्होंने पत्रकारों या मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को ट्रैक करने के लिए हमारे सिस्टम का दुरुपयोग किया, तो उन्हें तत्काल प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। हमने यह साबित कर दिया है कि पूर्व में, हमारे कुछ सबसे बड़े क्लाइंट के साथ और हमने उनके साथ काम करना बंद कर दिया है।” उन्होंने कहा कि वह मामले की जाँच का स्वागत करेंगे।

एनएसओ के सीईओ ने कहा कि एक परिचित ने उन्हें बताया कि ‘वे’ साइप्रस में एनएसओ सर्वरों में सेंध लगा चुके हैं और टार्गेट की एक सूची तक पहुंचने के बाद उन्होंने उनके सर्वर की जांच की।

हुलियो ने कहा, “इस बीच हमने अपने सर्वर की जाँच की। हमने अपने ग्राहकों के साथ जाँच की और हमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो यहाँ से लिया गया हो। लेकिन यह बेहद अजीब लग रहा था, मैंने उस आदमी से लीक सूची से कुछ नंबर लाने को कहा। हमने उनसे कुछ फोन नंबर प्राप्त किए और अपने ग्राहकों के साथ उनकी जाँच करना शुरू किया। पेगासस के लिए एक भी टार्गेट नहीं था। मुझे एहसास हुआ कि इसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है और हम आगे बढ़ गए।”

शैलेव हुलियो ने कहा कि वकीलों को काम पर रखने और पत्र भेजने के बाद अधिकांश मीडिया संगठन घटनाओं के एनएसओ संस्करण के बारे में आश्वस्त थे। उन्होंने कहा, “वाशिंगटन पोस्ट के संपादक [इन चीफ] ने यहाँ तक लिखा था कि उन्हें नहीं पता था कि सूची कहाँ से आई थी या किसने नंबर लगाए थे, और उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी ये कि नंबर पेगासस से जुड़े थे या कभी भी टार्गेट थे या फिर संभावित टार्गेट रहे हैं।”

‘विवाद के पीछे बीडीएस या कतर’: शालेव हुलियो

शालेव हुलियो ने कहा कि उन्हें इसके पीछे बीडीएस मूवमेंट या कतर का हाथ होने का संदेह है। बीडीएस बहिष्कार, विभाजन और आर्थिक प्रतिबंध लगाने का फिलिस्तीन द्वारा इजरायल के खिलाफ उनका एक आंदोलन है।

हुलियो ने कहा, “ऐसा लगता है कि किसी ने हमें टारगेट करने की कोशिश की है। यह पूरी कहानी आकस्मिक नहीं है। इजरायल का साइबर क्षेत्र सामान्य रूप से हमले के अधीन है। दुनिया में बहुत सारी साइबर खुफिया कंपनियाँ हैं, लेकिन हर कोई सिर्फ इजरायल पर ध्यान केंद्रित करता है। दुनिया भर के पत्रकारों का इस तरह एक संघ बनाना और एमनेस्टी [इंटरनेशनल] को इसमें लाना ऐसा लगता है कि मानो इसके पीछे किसी का हाथ है, जो इसे संचालित कर रहा है।”

शैलेव हुलियो ने कहा कि जब कंपनी की स्थापना हुई थी, तब चार नियमों पर सहमति बनी थी। पहला नियम कि हम केवल इस तकनीक को सरकारों को बेचेंगे, न कि कंपनियों या फिर व्यक्तियों को। आप कल्पना कर सकते हैं कि कितने लोगों और कंपनियों ने इस तकनीक को हमसे खरीदने की कोशिश की, और हमने हमेशा कहा कि नहीं। दूसरा नियम यह है कि हम हर सरकार को नहीं बेचते, क्योंकि दुनिया की हर सरकार के पास ये उपकरण नहीं होने चाहिए। कंपनी की स्थापना के 11 साल बाद, हमारे पास 45 ग्राहक हैं, लेकिन 90 देश हैं जिन्हें हमने बेचने से इनकार कर दिया है।

उन्होंने आगे कहा, “तीसरा नियम यह है कि हम सिस्टम को सक्रिय नहीं करते हैं, हम बस इसे स्थापित करते हैं और निर्देश देते हैं कि इसका उपयोग कैसे करें और छोड़ देते हैं। चौथा नियम यह है कि हम रक्षा मंत्रालय की नियामक निगरानी में रहना चाहते हैं। हम 2010 से स्वैच्छिक निरीक्षण के अधीन हैं, भले ही साइबर कंपनियों की रक्षा और सुरक्षा निरीक्षण के लिए कानून केवल 2017 में बना था। हमने कभी भी ऐसा कोई सौदा नहीं किया जो निगरानी में न हो।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया