महिलाओं ने बाँधी राखी, संतों ने गाई माता की स्तुति, स्थानीय कलाकारों ने किया परंपरागत नृत्य: दक्षिण अफ्रीका में PM मोदी का भव्य स्वागत, मंदिर के मॉडल का किया अवलोकन

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पीएम नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत, महिलाओं ने बाँधी राखी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS (भारत, रूस, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुँच गए हैं। वहाँ महिलाओं ने रखी बाँध कर उनका स्वागत किया। साथ ही उनका स्थानीय परंपरागत ढंग से भी स्वागत किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी का ब्राजील में आध्यात्मिक स्वागत भी हुआ। संतों ने इस दौरान माँ दुर्गा की स्तुति का गान कर के उनका स्वागत किया। इस दौरान माँ सरस्वती की स्तुति भी की गई। संतों ने हरमोनियम बजा कर उनका स्वागत किया।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रमफोसा ने कहा है कि वैश्विक वित्तीय संस्थाओं में आधारभूत सुधार किए जाने की आवश्यकता है, ताकि वो विकासशील देशों द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों के प्रति तेजी दिखाएँ और त्वरित प्रतिक्रिया दें। उन्होंने ‘BRICS बिजनेस फोरम’ में ये बयान दिया और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। वहीं ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा ने कहा है कि हम अमेरिका के खिलाफ समूह नहीं बना रहे, बल्कि ‘ग्लोबल साउथ (गरीब देशों)’ को एकजुट कर रहे।

दक्षिण अफ्रीका पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहान्सबर्ग में निर्माणाधीन स्वामीनारायण मंदिर के मॉडल का अवलोकन भी किया। इसका निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा। ‘आर्य समाज साउथ अफ्रीका’ की अध्यक्ष आरती नानकचंद शानंद ने पीएम मोदी को राखी बाँधी। उन्होंने कहा कि भाई से भी ज़्यादा पीएम मोदी हमारे पिता की तरह हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के भाव से देखते हैं और उनकी उपस्थिति से ऐसा लगता है कि हमसे उनका ताल्लुक है।

बताते चलें कि 2009 में ब्रिक्स की स्थापना हुई थी और 2015 में इसने ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ की स्थापना की। विकासशील देशों और उभरते हुए बाजारों में इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए संसाधनों को जुटाया जा सके। पहले इसे ‘ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक’ के रूप में जाना जाता था। ब्रिक्स चाहता है कि ‘वर्ल्ड बैंक’ और ‘इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF)’ में पश्चिमी आधिपत्य को खत्म किया जा सके। G20, नाटो और यूरोपियन यूनियन जैसे पश्चिमी संघों से मुकाबले के लिए कई अन्य देश हैं जो ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया