कतर के शेख से करोड़ों रुपए का नकद चंदा लेने पर घिरे ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स, अब नहीं ले सकेंगे कैश: चंदा लेकर नाइटहुड की उपाधि देने के लग चुके हैं आरोप

कतर के पूर्व पीएम शेख हमद बिन से हाथ मिलाते हुए प्रिंस चार्ल्स

कतर (Qatar) से पैसों से भरे सूटकेस लेने के आरोपों के बाद प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles) अब अपने चैरिटी के लिए चंदा में बड़ी नकद राशि नहीं ले सकेंगे। ब्रिटिश शाही कार्यालय ने मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिंस चार्ल्स ने 2011 और 2015 के बीच कतर के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हमद बिन जसीम बिन जबर अल-थानी (Sheikh Hamad bin Jassim bin Jaber Al Thani) से 3.1 मिलियन डॉलर (24.50 करोड़ रुपए से अधिक) नकद चंदा लिया था।

ब्रिटेन स्थित प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय ने गुरुवार (30 जून 2022) को कहा, “प्रिंस सलाह पर काम करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई बदलाव हुए हैं। परिस्थितियाँ बदली हैं।” एक अज्ञात शाही सूत्र ने द टाइम्स ऑफ लंदन को बताया कि चैरिटी संस्था ने मानक ऑडिटिंग प्रक्रिया अपनाई थी। प्रिंस चार्ल्स दो चैरिटी संस्था संचालित करते हैं, जिनमें से एक संस्था को चंदा देने से संबंधित यह मामला है।

चैरिटी को कंट्रोल करने वाली सरकारी एजेंसी चैरिटी कमीशन के मुताबिक, नकद में दान की अनुमति है। चैरिटी कमीशन ने एक ईमेल बयान में बताया, “हम प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा प्राप्त दान के बारे में आ रही रिपोर्ट्स से अवगत हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए इसकी समीक्षा करेंगे कि इस मामले में कमीशन की कोई भूमिका है या नहीं।”

जानकारी के मुताबिक, शेख हमद बिन जसीम बिन जबेर अल थानी ने तीन बार अलग-अलग तरीकों से प्रिंस को नकद दान दिया था। एक बार पैसे को एक छोटे सूटकेस में और अंग्रेजी ग्रोसर फ़ोर्टनम एंड मेसन के बैग में दिया गया था।

कथित तौर पर दान को प्रिंस चार्ल्स ने व्यक्तिगत रूप से स्वीकार किया था। इन फंडों को तब प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फंड (PWCF) में ट्रांसफर कर दिया गया था। कहा जाता है कि शेख हमद ने उस वक्त भी दान दिया था, जब वह प्रधानमंत्री के पद पर नहीं थे। यानी शेख 2007 से 2013 तक कतर के प्रधानमंत्री थे और उन्होंने 2011 और 2015 के बीच दान किया गया था।

चार्ल्स के आधिकारिक निवास और कार्यालय क्लेरेंस हाउस ने द गार्जियन को बताया, “शेख से प्राप्त नकद दान तुरंत प्रिंस की एक चैरिटेबल संस्था को ट्रांसफर कर दिया गया था। हमें भरोसा दिलाया गया कि दान के लिए सभी प्रक्रिया का पालन किया है।”

शेख का नाम 2016 में पनामा पेपर्स और 2021 में पेंडोरा पेपर्स में सामने आ चुका है। इन खुलासों के जरिए दुनिया के कई रईस और ताकतवर लोगों की छिपी हुई दौलत सामने आई थी। बताया गया था कि टैक्स हैवेन मेंल दुनिया के कई रईस और ताकतवर लोगों ने अपनी दौलत छिपाई हुई है।

बता दें कि उनकी दूसरी संस्था प्रिंस फाउंडेशन की जाँच चल रही है। द टाइम्स ऑफ लंदन ने पिछले साल बताया था कि एक बड़े दान के बदले में एक अमीर सऊदी शेख महफूज बिन महफूज के लिए नाइटहुड और ब्रिटिश नागरिकता दिलाने में मदद की गई थी। हालाँकि, महफूज ने इस बात से इनकार किया था कि वह किसी प्रकार से गलत कार्यों में शामिल थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया