श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर किया कब्जा, राजपक्षे भागे: स्वीमिंग पुल में नहाते नजर आए लोग

श्रीलंका में राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा, राजपक्षे भागे

आर्थिक दुष्चक्र में फँसा भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। राजधानी कोलंबो (Colombo) में शनिवार (9 जुलाई 2022) को प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस गए। इसके बाद राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) वहाँ से भाग गए। वहीं, सुरक्षाबलों की कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारियों घायल होने की भी खबर है।

प्रदर्शनकारियों की माँग की राजपक्षे राष्ट्रपति पद से तुरंत इस्तीफा दें। इस्तीफे की माँग को लेकर राजधानी कोलंबो में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ और लोग राष्ट्रपति भवन में घुस गए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने हवा में कई राउंड गोलियाँ चलाईं।

लोगों के गुस्से को देखते हुए राष्ट्रपति तुरंत वहाँ से निकल निकल गए। श्रीलंका रक्षा विभाग के सूत्रों के हवाले से अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी AFP ने बताया, “राष्ट्रपति को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।” राष्ट्रपति भवन में घुसने के बाद प्रदर्शनकारी वहाँ के स्वीमिंग पुल में नहाते भी नजर आए।

बता दें कि वहाँ के हालात को लेकर लोग पिछले कई महीनों से सड़कों पर हैं। हिंसा को रोकने के लिए देश के कई हिस्सों में शुक्रवार (8 जुलाई 2022) को कर्फ्यू लगा दी गई थी। पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमरत्ने ने कहा कि राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए हजारों लोगों ने शुक्रवार की रात को कोलंबो में प्रवेश किया था।

प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उन पर वाटर कैनन और आँसू गैस के गोलों का प्रयोग किया गया, लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारी नहीं माने। इस प्रदर्शन को देश के विभिन्न तबकों का समर्थन हासिल है। इनमें धर्मगुरु से लेकर विपक्षी नेता और व्यवसायी और आम लोग तक शामिल हैं।

वहीं, कोलंबो का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें कहा जा रहा है कि होटल गालादारी ने प्रदर्शनकारियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। आँसू गैस से पीड़ित प्रदर्शनकारियों के लिए वहाँ पानी की व्यवस्था की गई है, ताकि वे अपना चेहरा आदि धो सकें।

इसके पहले मई महीने में सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद ने प्रदर्शनकारियों के डर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। बताया जाता है कि अमरकीर्ति अतुकोराला 10 मई को अपनी गाड़ी से निटंबुआ जा रहे थे। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ ने उन्हें घेर लिया।

यह भी कहा जाता है कि भीड़ से घबराकर उन्होंने फायरिंग कर दी, जिसके बाद लोग और भड़क गए। हालाँकि, गाड़ी में से सांसद किसी तरह भागकर एक घर में जा छुपे, लेकिन हजारों की भीड़ ने उस बिल्डिंग को चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद उन्होंने डरकर अपनी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया