‘इस्लामी गिरोह ने किया कश्मीरी पंडितों का नस्लीय सफाया’: अमेरिका के ‘हाउस’ ने माना, The Kashmir Files’ को दी बधाई

'रोड आइलैंड हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स' ने माना कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को (फाइल फोटो)

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने 3 दिनों में दुनिया भर में 31.60 करोड़ रुपए का कारोबार कर लिया है और इस फिल्म का असर न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में हो रहा है। नब्बे के दशक में घाटी में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी इस फिल्म का ही असर है कि अमेरिका के ‘Rhode Island House of Representatives (रोड आइलैंड हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स)’ में कश्मीरी पंडितों के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित हुआ है।

नई दिल्ली में फिल्म को लेकर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि अमेरिका में अब तक पाकिस्तान और भारत के कुछ देश विरोधी तत्वों द्वारा ये अफवाह फैलाई गई कि कश्मीर को भारत ने जबरन अपना हिस्सा बना रहा है और वहाँ अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में इंटरनेट-4G न होने की बातें फैलाई जाती हैं और हम भी NYT और वाशिंगटन पोस्ट जैसे मीडिया संस्थानों के फेर में फँस गए।

निर्देशक विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि हमने अब तक ये नहीं पूछा कि कश्मीर से भगा दिए गए लाखों पंडित अब तक वहाँ वापस क्यों नहीं गए? इसी क्रम में उन्होंने ‘रोड आइलैंड’ की चर्चा करते हुए बताया कि ये अमेरिका का सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक, उदार और प्रगतिशील राज्य है। उन्होंने जानकारी दी कि अमेरिका के जो भी डेमोक्रेट राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के लिए खड़े होते हैं, वो अपना चुनाव प्रचार अभियान वहीं से शुरू करते हैं।

उन्होंने बताया कि जॉन ऍफ़ केनेडी ने भी वहीं से चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया था। विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि अमेरिका में ये मिथक बन गया है कि डेमोक्रेट भारत को पसंद नहीं करते। हालाँकि, उन्होंने ये भी बताया कि 2014 के बाद भारत को जिस तरह का वैश्विक नेतृत्व मिला है, उसके बाद से वहाँ चीजें बदल रही हैं। ‘रोड आइलैंड’ के ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव’ ने एक उद्घोषणा ‘द कश्मीर फाइल्स’ के लिए जारी की है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर सुरिंदर कौल भी मौजूद थे, जो ‘ग्लोबल कश्मीरी पंडित्स डायस्पोरा’ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने इस उद्घोषणा को दिखाया भी। वहाँ के डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के साथ-साथ स्पीकर ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि भारत की अखण्डता के लिए पिछले 70 वर्षों में इतनी बड़ी जीत आज तक नहीं हुई। हम नीचे उस उद्घोषणा को संलग्न कर रहे हैं, जिसे आप देख सकते हैं कैसे ‘Rhode Island House of Representatives’ ने इसे जारी किया है।

कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के सम्बन्ध में ‘रोड आइलैंड हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स’ द्वारा जारी की गई उद्घोषणा

इसमें लिखा है, “फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का प्रीमियर, जिसमें 1990 में 5 लाख कश्मीरी पंडितों की इस्लामी गिरोहों द्वारा ‘नस्लीय रूप से सफाया’ की घटनाओं को चित्रित करते हुए आतंकवाद और कट्टरवाद के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है, जिनसे उन्हें शरणार्थियों की तरह अपना जीवन व्यतीत करने के लिए विवश होना पड़ा।” साथ ही इसमें निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को बधाई भी दी गई है। इसमें स्पीकर ब्रायन पैट्रिक केनेडी के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के भी हस्ताक्षर हैं।

डॉक्टर सुरिंदर कौल ने बताया कि कश्मीरी पंडितों के लिए सब दर्दनाक बात यही थी कि स्वतंत्र भारत में इसके बारे में किसी को जानकारी भी थी, जबकि पूरे समुदाय को अपनी आस्था की वजह से वहाँ से निकलना पड़ा। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैसे कश्मीरी पंडितों ने देश-राज्य के विकास में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने कभी बंदूक नहीं उठाई और हिंसा नहीं की और एक भी ऐसा ऐतिहासिक सबूत नहीं है कि किसी कश्मीरी हिन्दू ने एक पत्थर भी फेंका हो – लेकिन हमने अपने गुस्से को रखा और उसका सकारात्मक प्रयोग कर के देश-दुनिया के विकास में योगदान दिया।

उन्होंने कहा, “कई सारी फ़िल्में कश्मीर पर बनीं और मुझे बड़े दुःख से कहना पड़ता है कि उनमें आतंकवाद का महिमामंडन किया गया। मैंने कई बॉलीवुड निर्देशकों से संपर्क कर अपने दर्द को बताने का आग्रह किया, लेकिन इसे दरकिनार किया जाता रहा। हमारा समाज इसका ऋणी है कि विवेक अग्निहोत्री ने ये बीड़ा उठाया। हमारे समाज को पहली बार किसी ने सुना। अमेरिका की 16 स्क्रीनिंग्स में मुस्लिम तक शामिल हुए।”

उन्होंने बताया कि कई ऐसे डेमोक्रेट्स थे, जिन्हें कश्मीर के बारे में गलत जानकारी दी गई थी और उन्होंने इस फिल्म को देखने के बाद समझा कि सच्चाई क्या है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के नेताओं ने बताया कि उनके पास पाकिस्तानी गिरोह हमेशा आते रहते हैं और कश्मीर के बारे में अपना नैरेटिव बताते रहते हैं। इसके बाद निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि पूरी दुनिया अर्मेनिया, रवांडा और यहूदी नरसंहार के बारे में जानती है, लेकिन कश्मीरी पंडितों के बारे में ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि भारत में चंद लोग ये तय कर रहे थे कि क्या सही है और क्या गलत, लेकिन हमारी एकजुटता ने सबको बता दिया। उन्होंने कहा कि 80 साल की महिलाओं से लेकर 18 वर्ष की लड़कियों तक आपस में जुड़ गए हैं और दुनिया के कई लोग (श्वेत-अश्वेत) फिल्म देख रहे रो रहे हैं कि ये हमें पहले क्यों नहीं बताया गया। अमेरिका के एक नेता ने कहा कि भारत की प्राणी सरकारों ने पहले कभी नहीं बताया कि कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा है।

‘स्टेट ऑफ रोड हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स’ की उद्घोषणा के साथ अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, विवेक अग्निहोत्री और सुरिंदर कौल (बाएँ से दाएँ)

विवेक अग्निहोत्री ने कहा, “जो भारत की पहले की सरकारें करने में सफल नहीं हुईं, वो अमेरिका ने कर दिखाया। इसके बाद भी कोई बोले कि नहीं ऐसा नहीं हुआ था, तो ये सरासर झूठ है।” वहीं अनुपम खेर ने कहा कि बदलाव काफी धीमी होती है, इसीलिए हम नहीं तो हमारे बच्चे भी कश्मीर में वापस जाकर रहें तो ये हमारी सफलता होगी। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे 800 वर्षों तक इस्लामी अक्रताओं और फिर 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने भारत पर राज किया।

उन्होंने कहा कि हमने विद्या का इस्तेमाल किया, ज्ञान का इस्तेमाल किया – तब जाकर ये सकारात्मक परिणाम आए। उन्होंने बताया कि विवेक अग्निहोत्री ने 700 पीड़ितों को ढूँढ कर उनसे बातें की और इस फिल्म के लिए 4 वर्षों तक रिसर्च किया। विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि जिस दिन हम सत्य को समझ जाएँगे, भारत बड़ी ताकत बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ भारत में ही भारत की बुराई होती है, जबकि विदेश में इसकी छवि अच्छी है और वहाँ के आम लोग भारत का नाम सुनते ही इसे ‘योग और अध्यात्म’ की भूमि के साथ-साथ ‘लैंड ऑफ मोदी’ भी बोलते हैं।

अनुपम कुमार सिंह: चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.