3 दिन में 26 फ्लाइट्स के जरिए यूक्रेन से निकाले जाएँगे भारतीय छात्र: अब तक 60% बाहर निकले, पड़ोसी देशों में भेजे गए 25 अधिकारी

रूस-यूक्रेन पर पीएम मोदी की बैठक (बाएँ), बुखारेस्ट से निकलते भारतीय छात्र (दाएँ)

रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजी ताज़ा परिस्थिति और वहाँ से भारतीय छात्रों को सकुशल निकालने की प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (1 मार्च, 2022) की शाम एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने बताया कि अगले 3 दिनों में यूक्रेन से 26 फ्लाइट्स भारतीयों को लेकर आने वाली हैं। अब तक 10 फ्लाइट्स वहाँ से आ चुकी हैं। भारत के 4 केंद्रीय मंत्री भी यूक्रेन के चार पड़ोसी देशों में ‘खास राजदूत’ के रूप में पहुँच गए हैं।

विदेश सचिव ने बताया, “यूक्रेन की सरकार के निवेदन पर वहाँ मानवीय मदद भी भारत की तरफ से भेजी गई है। दवाओं और मेडिकल उपकरणों के अलावा अन्य राहत सामग्रियाँ लेकर एक फ्लाइट पोलैंड के रास्ते से यूक्रेन पहुँच गई है। एक अन्य कल जाने वाली है। फ़्रांस और यूरोपियन यूनियन के प्रेसिडेंटस से पीएम मोदी की बात हुई है। उन्होंने यूक्रेन के पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भात कर भारतीय छात्रों को वहाँ से निकालने में मदद की अपील की। कूटनीतिक रूप से हम सभी हितधारकों से संपर्क कर रहे हैं, ताकि हरे लोग सुरक्षित निकल पाएँ। इसके लिए हर माध्यम का इस्तेमाल किया जाएगा।”

भारत सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि रूस और यूक्रेन के राजदूतों से भी इस युद्ध में भारतीयों की सुरक्षा को लेकर बात की गई है। यूक्रेन के पड़ोसी देशों में कैम्प करने के लिए 25 अधिकारियों को भी भेजा गया है। जानकारी दी गई है कि यूक्रेन से सीमा पार कर के अब तक 5 लाख लोग वहाँ से भाग चुके हैं और इनके अलावा कई विदेशी भी हैं। समस्या ये है कि वहाँ पर भीड़ काफी है और कीव में मौजूद सभी नागरिकों को पश्चिम की तरफ आने और वहाँ से सीमा पार कर के हंगरी, रोमानिया, पोलैंड या स्लोवाकिया की तरफ आने को कहा गया है।

बुखारेस्ट से AI 1942 की 249 यात्रियों के साथ 10वीं उड़ान भी निकल गई है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि खारकीव से निकासी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के हावेरी से ताल्लुक रखने वाले फाइनल ईयर मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा की बमबारी में मौत के बाद उनके माता-पिता से बात कर के अपनी संवेदना व्यक्त की। उधर रूस के खिलाड़ियों को दुनिया के किसी भी प्रतिस्पर्धा में भाग लेने से रोकने का फैसला लिया गया है।

भारत सरकार का अंदाज़ा है कि यूक्रेन में भारत के 20,000 छात्र (एडवाइजरी जारी किए जाने के समय का आँकड़ा) फँसे हुए थे, जिनमें से 12,000 छात्रों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। बाकी बचे 40% को निकालने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इनमें से आधे खारकीव में फँसे हुए हैं और आधे पश्चिमी सीमा तक पहुँच गए हैं। कीव में रूस ने एक टेलीविजन टॉवर को भी उड़ा दिया है, जिससे कई ब्रॉडकास्ट रुक गए हैं। ब्रिटेन ने कहा है कि यूक्रेन में जाकर रूस से लड़ने का उसकी सेना का कोई इरादा नहीं है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया