‘इस्लाम के खिलाफ न उठे आवाज, इसलिए फैलाई गई मेरी मौत की खबर’: जिंदा है वो जिसने जलाया कुरान, कहा- नॉर्वे में है मूर्खों की सरकार

साल्वान मोमिका द्वारा पोस्ट के साथ साझा की गई तस्वीर

नॉर्वे में मस्जिद के सामने कुरान जलाने वाले साल्वान मोमिका की मौत की खबरें झूठी थीं। खुद साल्वान ने एक्स पर ट्वीट करके इन खबरों का खंडन किया है। अपने ट्वीट में साल्वान ने कहा है कि उनकी मौत की खबर इसलिए फैलाई गई थी ताकि कभी कोई इस्लाम की आलोचना न करे। इसके साथ उन्होंने एक फोटो भी डाली है जिसमें वो ठेंगा दिखा रहे हैं। वहीं फोटो के साथ डाले गए पोस्ट में नॉर्वे प्रशासन की आलोचना है।

अपने एक्स अकॉउंट पर उन्होंने लिखा, “जिन न्यूजपेपर और न्यूज साइट ने मेरी मौत की खबर प्रकाशित की हैं वो फर्जी है और उसका मकसद सिर्फ उन लोगों को डराना है जो इस्लाम पर संदेह करते हैं या उनकी आलोचना करते हैं। इसलिए मैं बस कहना चाहता हूँ कि ये तुम्हारी अफवाह फैलाने वाली और फर्जी मीडिया हमें बिलकुल नहीं डरा सकती। मैं जिंदा हूँ और तब तक सरेंडर नहीं करूँगा जब नॉर्वे प्रशासन अन्याय करेगा।”

साल्वान कहते हैं, “इन लोगों ने पहले मुझे किसी से भी बात करने से रोका, उसके बाद मुझे कोर्ट ले गए। जहाँ कोर्ट ने मुझ पर इल्जाम लगाए- ‘तुम इसलिए हिरासत में लिए गए हो क्योंकि तुम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो।’ बेवकूफ जज को शायद इस्लाम से ज्यादा प्यार था, इसलिए मैंने कहा कि न ही जेल और न ही तुम्हारी कोर्ट मुझे डरा सकती है। ऐसा लगता है कि तुम इस्लाम से खुश हो कि वो तुम्हारे देश को कब्जा रहे हैं और तुम्हारी बेटियों का रेप हो रहा है। इसके बाद पुलिस मुझे कोर्ट के बाहर ले गई और मुझे एक जेल में रखा गया जो मानवाधिकार संगठन के सुपरविजन से बाहर था। इन्होंने मुझे मीडिया और प्रेस किसी से बात नहीं करने दी।”

अपने अगले ट्वीट में साल्वान ने कहा, “नॉर्वे में मेरे साथ जो हुआ वह मुझे सद्दाम हुसैन के दमनकारी तानाशाही शासन की याद दिलाता है…जब उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया तो मुझसे कहा गया, ‘आप नॉर्वे की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं।’ यह सब केवल इसलिए कहा गया क्योंकि मैंने अपनी स्वतंत्रता का प्रयोग किया था, अपनी राय व्यक्त की थी और कुरान को जलाया था। अब जिस पुस्तक को मैं लिख रहा हूँ उसमें नॉर्वे का उल्लेख ‘जन्नत’ के रूप में करूँगा। जहाँ मूर्ख हैं और मूर्खों का शासन है जो इस्लाम से प्यार करते हैं।”

गौरतलब है कि साल्वान मोमिका पहले ईरान की फ़ौज के पूर्व नेता थे। बाद में वो इस्लाम के सबसे बड़े आलोचकों में से एक बन गए। साल 2023 के जून में स्टॉकहोम में साल्वॉन मोमिका ने सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान जलाया था, जिसके वीडियो और तस्वीरें चारों तरफ वायरल हुई थीं। किसी ने उनका समर्थन किया था, किसी ने उनके लिए सिर तन से जुदा की माँग की थी और फिर सोशल मीडिया पर खबर आई थी कि साल्वान की लाश मिली है। हालाँकि मीडिया में या नॉरवे प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं की गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया