भारत वोटिंग से दूर तो गाली, US-इजरायल के साथ पर चुप्पी: The Wire के अमेरिकी फाउंडर का प्रोपेगंडा, साथ दे रहीं प्रियंका गाँधी

अमेरिकी सिद्धार्थ वरदराजन (बाएँ) अपना घर देखने की बजाए भारत को कोस रहा, प्रियंका गाँधी (दाएँ) भी खेल रहीं राजनीति (फोटो साभार: दोनों का इंस्टाग्राम/फेसबुक हैंडल)

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने इजरायल और हमास के बीच युद्ध रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव के पीछे कारण बताया गया – फिलिस्तीन में मानवीय सहायता भेजना। कुल मिला कर बात ये है कि 120 देशों ने इसके पक्ष में वोट किया, 14 ने विरोध में और 45 ऐसे देश रहे जिन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। जिन देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, उनमें भारत, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ग्रीस, इराक, इटली, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, यूक्रेन, UK और पोलैंड शामिल हैं

भारत ने वोटिंग से दूरी क्या बनाई, यहाँ लिबरल गिरोह का प्रोपेगंडा शुरू हो गया। विपक्षी दल भी इसमें कूद पड़े। सबसे पहले प्रोपेगंडा पोर्टल ‘The Wire’ के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन भी शामिल हैं। उन्होंने लिखा, “अपना सिर शर्म से झुका लो नरेंद्र मोदी और S जयशंकर। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में मानवीय युद्धविराम वाले प्रस्ताव के समर्थन से इनकार कर दिया।” खास बात ये है कि सिद्धार्थ वरदराजन खुद अमेरिकी नागरिक हैं।

वो भारत के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को टैग कर के उन्हें शर्म से अपना सिर झुकाने को कह रहे हैं, लेकिन उन्होंने एक बार भी अमेरिका की सरकार या राष्ट्रपति जो बायडेन को टैग कर के कुछ नहीं कहा। भारत तो इस प्रस्ताव में न्यूट्रल रहा, न इधर से और न उधर से। लेकिन, अमेरिका ने तो खुल कर इजरायल का साथ दिया। यहूदी देश के पक्ष में वोटिंग की। लिबरलों के प्यारे देश कनाडा, जहाँ खालिस्तानियों को शरण मिलती है, उसने भी भारत की तरह ही वोटिंग से दूरी बनाई लेकिन लिबरल गिरोह वहाँ के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को नहीं टैग कर रहा।

सिद्धार्थ वरदराजन को तो एक अमेरिकी के रूप में शर्म महसूस करनी चाहिए। उन्हें खुद का सिर शर्म से झुका कर एक सेल्फी लेनी चाहिए और इसे सोशल मीडिया पर डालना चाहिए, क्योंकि उनके देश अमेरिका ने भारत की तरह न्यूट्रल न रहते हुए खुल कर फिलिस्तीन का विरोध किया, इजरायल का साथ दिया वोटिंग में। इतना ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में तो अमेरिका ने अपने वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर के भी कई बार इजरायल का साथ दिया है।

हाल ही में UNSC में अमेरिका ही ये प्रस्ताव लेकर आया था कि इजरायल को अपनी आत्मक्षा में कार्रवाई का अधिकार है। अब तक 34 बार अमेरिका ने इजरायल के पक्ष में वीटो लगाया है। लेकिन, यही प्रोपेगंडा की ताकत है कि एक अमेरिकी नागरिक भारत को गाली देता है कि तुमने इजरायल का विरोध नहीं किया, जबकि वो खुद इजरायल के पक्ष में खड़ा होता है। ‘The Wire’ के संपादक को ये समझना चाहिए कि पहले अपने घर के लोगों को सलाह देते हैं, फिर बाहर वालों को।

इन मामलों में भारत की विपक्षी कॉन्ग्रेस पार्टी देश के स्टैंड का विरोध न करे तो कैसे काम चलेगा। प्रियंका गाँधी ने भी इसे शर्मनाक करार दिया। सवाल सिर्फ इतना सा है कि इजरायल में घुस कर 1500 लोगों का नरसंहार करने वाले हमास की निंदा में जिस प्रस्ताव में एक शब्द भी नहीं गया गया, भारत ने न उसके समर्थन में वोट किया न विरोध में। हमास के हमले से पूरा प्रकरण शुरू हुआ, लेकिन उसे इस प्रस्ताव में कुछ नहीं कहा गया। आज प्रियंका गाँधी फिलिस्तीन में भोजन, पानी और बिजली न होने की बातें कर के मानवता का रोना रो रही हैं।

लेकिन, उन्होंने तब तो मोदी सरकार की तारीफ नहीं की जब भारत ने फिलिस्तीन में राहत सामग्री भेजी? भारत ने एक प्लेन भर के मेडिकल दवाओं और उपकरणों के अलावा कई सामग्रियाँ फिलिस्तीन भेजी हैं। कुल 38.5 टन मदद सामग्री फिलिस्तीन भेजी गई। सैनिटरी आइटम्स से लेकर टेंट तक, भारत ने कई तरह की सामग्रियाँ भेजी। पीएम मोदी ने वहाँ के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बातचीत की। फिर भी प्रियंका गाँधी भारत को ही कोस रही हैं जो इस आतंकवादियों के खिलाफ है और दोनों तरफ की आम जनता के साथ।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया