पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण पर सिख समुदाय में रोष, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की उठाई माँग

दिल्ली: पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण पर सिख समुदाय आग-बबूला, अल्पसंख्यकों की उठाई माँग (तस्वीर साभार: ANI)

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बेटियों के जबरन धर्मांतरण ख़िलाफ़ दिल्ली में सिख समुदाय आग-बबूला है। हाल ही में पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारा तंबी साहिब के एक ग्रन्थि (सिख पुजारी) की 19 साल की बेटी को गुंडे उनके घर से घसीटते हुए उठा ले गए थे।

इसके बाद पीड़िता से जबरन इस्लाम क़बूल करवाकर उसका निक़ाह हाफ़िज़ सईद के आतंकी संगठन के जमात-उद-दावा के मोहम्मद हसन से करवा दिया था। इस घटना से आहत सिख समुदाय ने पाकिस्तान में सिख परिवारों की सुरक्षा की माँग करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया है। बड़ी संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारियों में महिलाएँ भी शामिल हुईं, उन्होंने भी अपने हाथों में बैनर और पोस्टर्स लेकर इस मुद्दे पर अपना विरोध जताया।

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इसी मामले में सिख समुदाय ने काशी में भी अपना विरोध दर्ज किया। इस दौरान गुरुद्वारे में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी की गई। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू और सिख समुदाय की रक्षा की माँग की और पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने का अनुरोध किया।

सिख धर्म के धर्मगुरु अरजन देव की गद्दी दिवस के मौक़े पर गुरुद्वारा गुरुबाग पर सैकड़ों की संख्या में सिख समुदाय के लोग उपस्थित हुए। अरदास और शबद कीर्तन के बाद भारी संख्या में सिख समुदाय के लोगों ने मेन गेट पर आकर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नारेबाजी की और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धर्म परिवर्तन का पुरज़ोर विरोध किया।

बीते रविवार (1 सितंबर) को भी ऐसी ही घटना सामने आई, जिसमें एक हिंदू लड़की को सिंध प्रांत के सुक्कुर स्थित उसके कॉलेज से ही अगवा कर लिया गया। इसके बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन कर उसे इस्लाम क़बूल करवाया गया। ख़बर यह भी है कि लड़की को सियालकोट में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी के कार्यकर्ता मिर्ज़ा दिलावर बेग के घर पर रखा गया है।

ऑल पाकिस्तान हिंदू पंचायत ने फेसबुक पोस्ट करके इस मामले की जानकारी दी। फेसबुक की इस पोस्ट के अनुसार पाकिस्तान में बीते दो महीने में इस तरह की यह तीसरी घटना है।

ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को अगवा कर जबरन इस्लाम क़बूल करवाने का सिलसिला पुराना है। ऐसे ज़्यादातर मामलों में पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती। बीते दिनों ख़बर आई थी कि इसके कारण पाकिस्तान में सिखों की आबादी 15 साल में 40 हजार से घटकर 8 हजार हो गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया