जानें क्या होता है एयर टर्बुलेन्स, जिसमें फँसा सिंगापुर का एयरलाइन्स का विमान: 229 यात्री थे सवार

सिंगापुर एयरलाइन्स (फोटो साभार : रायटर्स)

सिंगापुर एयरलाइन्स का विमान हवाई तूफान की चपेट में आ गया, जिसमें एक यात्रा की मौत की सूचना है। इस हादसे में 30 से अधिक लोग घायल हो गए। सिंगापुर एयरलाइंस की उड़ान SQ321 हीथ्रो हवाई अड्डे से सिंगापुर के रास्ते में थी, जब उसे गंभीर एयर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। एयर टर्बुलेंस की वजह से फ्लाइट को स्थानीय समयानुसार दोपहर 3:45 बजे बैंकॉक के सुवर्णभूमि हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। फ्लाइट में कुल 211 यात्रियों के अलावा 18 क्रू सदस्य सवार थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगापुर एयरलाइंस की ये फ्लाइट शाम 6 बजकर 10 मिनट पर सिंगापुर के चाँगी एयरपोर्ट उतरने वाली थी, लेकिन उसे आपात स्थिति की वजह से बैंकॉक में उतरना पड़ा। इस हादसे की वजह से यात्री की मौत के बाद सिंगापुर एयरलाइंस ने मृतक यात्री के परजनों के प्रति शोक जताया है। प्लेन की लैंडिंग के तुरंत बाद एम्बुलेंस की कई गाड़ियाँ एयरपोर्ट पहुँची। घायलों को इलाज के लिए पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि FlightRadar24 के उड़ान ट्रैकिंग डेटा के अनुसार सिंगापुर एयरलाइंस की उड़ान 37,000 फीट (11,300 मीटर) पर उड़ान भर रही थी। 0800 GMT के तुरंत बाद, बोइंग 777 लगभग तीन मिनट में तेजी से 31,000 फीट (9,400 मीटर) तक नीचे आ गया। विमान तेजी से उतरने और आधे घंटे के भीतर बैंकॉक में उतरने से पहले केवल 10 मिनट से कम समय के लिए 31,000 फीट (9,400 मीटर) की ऊंचाई पर रहा। यह तब हुआ जब फ्लाइट अंडमान सागर के ऊपर, म्यांमार की ओर बढ़ रही थी।

यह घटना सिंगापुर एयरलाइंस के लिए एक दुर्लभ घटना है। एयरलाइन का सुरक्षा रिकॉर्ड अच्छा है। 1972 में एक विमान दुर्घटना के बाद से इसकी कोई घातक दुर्घटना नहीं हुई है। एयर टर्बुलेंस उड़ान का एक सामान्य हिस्सा है। हालाँकि, यह आमतौर पर हानिकारक नहीं होता है। आधुनिक विमान टर्बुलेंस को सहन करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और पायलटों को इसे संभालने का प्रशिक्षण दिया जाता है।

एयर टर्बुलेंस की वजह

थर्मल अपड्राफ्ट और डाउनड्राफ्ट: जब गर्म हवा ऊपर उठती है और ठंडी हवा नीचे उतरती है, तो इससे एयर टर्बुलेंस पैदा हो सकती है।

जेट स्ट्रीम: ये संकरी हवा की धाराएँ होती हैं जो हजारों फीट ऊपर तेज़ी से बहती हैं। प्लेन में प्रवेश करने या बाहर निकलने पर यह कंपन पैदा कर सकती हैं।

पहाड़ और बादल: जब हवा पहाड़ों या बादलों से होकर गुजरती है, तो इसका प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे टर्बुलेंस पैदा हो सकती है।

विमान का वेक: बड़े विमानों के पीछे बनने वाला हवा का घूर्णन छोटे विमानों को प्रभावित कर सकता है, जिससे टर्बुलेंस पैदा हो सकती है।

बहरहाल, ऐसी स्थिति में यात्रियों को चालक दल द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। ध्यान रखें कि एयर टर्बुलेंस बहुत सामान्य स्थिति है, और हजारों-लाखों मामलों में एक खतरनाक होता है। ऐसे में अपनी सीट बेल्ट बांधकर, शांत रहकर और चालक दल के निर्देशों का पालन करके, आप टर्बुलेंस वाली उड़ान को सुरक्षित और आरामदायक बना सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया