मुस्लिम देशों में उठी फ्रांस के बहिष्कार की माँग, NDTV ने कट्टरपन्थ की जगह पैगंबर के कार्टून को ही बताया वजह

इस्लामी देश फ्रांस के उत्पादों के बहिष्कार की माँग कर रहे हैं

फ्रांस में अपने छात्रों को अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब समझाने के कारण एक शिक्षक का सिर कलम कर दिया गया और अब मुस्लिम देश इस घटना की निंदा करने की बजाय फ्रांस के ही उत्पादों का बहिष्कार करने में लगे हैं। इस बीच एनडीटीवी ने भी एक मजहबी हत्यारे द्वारा शिक्षक का गला काटने और कट्टरपंथी मानसिकता के बजाय शिक्षक द्वारा दिखाए गए पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून को ही इस बहिष्कार के लिए जिम्मेदार बताया है।

खबर के मुताबिक, मुस्लिम देश फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए मुहीम चला रहे हैं। सऊदी अरब में रविवार (अक्टूबर 25, 2020) को फ्रेंच सुपरमार्केट के विक्रेता कैरेफोर (Carrefour) के बहिष्कार का ट्रेंड चलता रहा। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में बताया कि मध्य पूर्वी देशों में फ्रांसीसी उत्पादों, विशेष रूप से खाद्य उत्पादों का बहिष्कार करने की बात सामने आई है।

मंत्रालय ने कहा कि बहिष्कार के लिए किया गया आह्वान बिलकुल निराधार है और इसे जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए, क्योंकि सारे हमले हमारे देश के ख़िलाफ़ हैं जिन्हें कट्टरपंथी अल्पसंख्यक द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है। मंत्रालय ने अधिकारियों से भी इस बहिष्कार के ख़िलाफ़ बोलने को कहा है जिससे फ्रांसीसी कंपनियों की मदद हो सके और फ्रांसीसी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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गौरतलब है कि कुवैत में उपभोक्ता सहकारी समितियों के गैर सरकारी संघ ने भी फ्रेंच प्रोडक्ट्स के बहिष्कार के निर्देश अक्टूबर में जारी किए थे। ऐसे में रॉयटर ने जब कई सहकारी समितियों को संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उन लोगों ने अपनी शेल्फ से फ्रेंच कंपनियों के बाल संबंधी व ब्यूटी संबंधी उत्पादों को हटवा दिया है। यूनियन प्रमुख फद अल किश्ती ने बताया कि पैगंबर के लगातार अपमान की प्रतिक्रिया में फ्रांस उत्पादों को हटाया गया है।

बता दें कि इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इस्लाम पर बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिससे आज पूरी दुनिया संकट में है। उनके इस बयान के बाद से ट्विटर पर हैशटैग #BoycottFrenchProducts, #BoycottFrance Products, #boycottfrance #boycott_French_products #ProphetMuhammad ट्रेंड करने लगा। इसके अलावा कई देशों के यूजर्स ने ट्विटर व फेसबुक पर ‘मोहम्मद- मैसेंजर ऑफ अल्लाह’ के साथ अपनी फ्रोफाइल तस्वीरें बदल दीं।

बहिष्कार की यह खबर के आने के बाद भी कई लोगों ने इस पर ट्वीट किया। सरफराज अहमद रजवी ने खबर शेयर करते हुए लिखा- “जानी नहीं तो माली तौर पर तो नुकसान किया ही जा सकता है फ्रांस का आर्थिक नुकसान कीजिए।”

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कुछ ट्विटर यूजर्स ने जब इस बहिष्कार पर टिप्पणी की कि ऐसा करके यह देश उस फ्रेंच टीचर की हत्या का समर्थन कर रहे हैं तो कट्टरपंथियों का जवाब आया, “बिलकुल, आप कैसे 1.8 मिलियन मुस्लिमों की भावनाओं को आहत कर सकते हैं। ये ही वह चीज है जिसे वह डिजर्व करता था।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया