NATO मेंबरशिप की लड़ाई में कुरान जला: स्वीडन पर भड़का तुर्की, कहा-मुस्लिमों की भावना आहत हुई; अरब से लेकर पाकिस्तान तक विरोध

स्वीडन की घटना का तुर्की में विरोध

स्वीडन में एक दक्षिणपंथी नेता द्वारा कुरान जलाने की घटना सामने आने के बाद तुर्की में इसका विरोध हो रहा है। नाटो की सदस्यता से जुड़े विवाद के प्रदर्शन के दौरान एक रैसलम पलुदान नाम के राइट विंग कार्यकर्ता ने तुर्की की एंबेसी के सामने कुरान जलाई। घटना के बाद तुर्की ने कहा कि स्वीडन की सरकार का इस तरह इन प्रदर्शनों को होने देना पूरी तरह अस्वीकार्य है।

तुर्की के विदेश मंत्री ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि बार-बार चेतावनी देने में बाद भी यह इस्लाम विरोधी घटना घटी जिसके जरिए मुस्लिमों को और उनकी पवित्र भावनाओं को आहत किया गया। उनके मुताबिक अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐसी हरकत बिलकुल अस्वीकार्य है। स्वीडन के विदेश मंत्री तोबियस बिलस्टॉर्म ने खुद घटना को भयावह करार दिया।

उन्होंने लिखा कि स्वीडन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर बहुत आगे निकल आया, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि स्वीडिश सरकार या फिर हम ऐसे ख्यालातों का समर्थन करते हैं।

उल्लेखनीय है कि स्वीडन में कुरान जलाने की घटना के बाद पाकिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, जॉर्डन समेत इस्लामी देशों ने भी घटना का विरोध किया है। पाकिस्तान ने कहा, “यह एक मूर्खतापूर्ण और उत्तेजक इस्लामोफोबिया कृत्य दुनिया भर के 1.5 अरब से अधिक मुसलमानों की धार्मिक संवेदनाओं को आहत करता है।”

पाकिस्तान के विदेश कार्यलय के मुताबिक, इस तरह की हरकतों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में शामिल नहीं किया जा सकता। अभिव्यक्ति की आजादी में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार से जुड़ी जिम्मेदारियाँ होती हैं, जिसके तहत घृणास्पद बयान और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने वाले कृत्य शामिल नहीं होते।”

इसी तरह मलेशिया ने भी 22 जनवरी को प्रेस रिलीज जारी करते हुए घटना की निंदा की। वहीं तुर्की में भी स्वीडन के विरोध में स्वीडन के झंडे जलाए गए। सैंकड़ों लोग सड़कों पर आकर स्वीडन का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने विरोध दर्ज कराते हुए स्वीडन के डिफेंस मंत्री की यात्रा को रद्द कर दिया है। उन्होंने इसे नस्लवादी कार्रवाई करार दिया है

बता दें कि ये पूरा मामला NATO सदस्यता से जुड़ा हुआ है। चूँकि तुर्की पहले से नाटो में शामिल है वहीं स्वीडन लगातार शामिल होने की कोशिश कर रहा है। मगर तुर्की लगातार इसमें अड़ंगा लगाता है। ऐसे में स्वीडन में दक्षिणपंथी समूह लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने तुर्की के दूतावास के सामने भी प्रदर्शन किया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया