‘साँप तो साँप ही रहेगा…’: येरुशलम को लेकर 1000 साल पहले हुए ईसाई-मुस्लिम युद्ध को फिर दोहराने की तुर्किये की धमकी, एर्दोगन बोले- गाजा में नरसंहार के लिए पश्चिमी देश जिम्मेदार

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन और इजरायल के पीएम नेतन्याहू (साभार: NTV)

फिलिस्तीन के इस्लामी आतंकी संगठन हमास द्वारा किए गए कत्लेआम के बाद इजरायल ने दूसरे चरण की कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले चरण में उसने आतंकियों और उनके ठिकानों पर बम बरसाई और अब दूसरे चरण में गाजा में जमीनी सैनिकों को उतारकर आतंकियों का खात्मा शुरू कर दिया है। इजरायल की कार्रवाई में अब तक 7700 फिलिस्तीनी मारे गए। इस कार्रवाई पर अब तुर्की ने इजरायल को ‘क्रूसेड वार’ यानी धर्मयुद्ध की धमकी दी है।

तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan) ने कहा कि कुछ देशों को छोड़ दिया जाए तो गाजा में फिलिस्तीनियों की हत्या में पश्चिमी देशों का सीधा हाथ है। आत्मरक्षा का अधिकार है, लेकिन इसमें न्याय कहाँ है? उन्होंने धमकी वाले अंदाज में कहा कि अगर गाजा में हमले नहीं रूके तो एक बार फिर से क्रूसेड वार शुरू हो जाएगा।

बताते चलें कि तुक्रिये के अलावा ईरान ने भी इस इस युद्ध के लिए अमेरिका सहित पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया है और सीधी धमकी दी है। वहीं, कतर सहित अधिकांश इस्लामी देश फिलिस्तीन के पक्ष में मजबूती से खड़े हैं। इन देशों में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में फिलिस्तीन के लोगों के समर्थन में रैलियाँ निकाली जा रही हैं।

तुर्किये के इंस्तांबुल में आयोजित एक रैली में एर्दोगन ने इज़रायल को ‘युद्ध अपराधी’ और ‘कब्जा करने वाला’ बताया। अपने लगभग एक घंटे के भाषण में एर्दोगन ने यह भी कहा कि इजरायल में घुसकर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों का गर्दन रेतने वाला हमास आतंकवादी संगठन नहीं है। इसके साथ ही कुछ पश्चिमी देशों के इज़रायल के लिए बिना शर्त समर्थन देने की भी आलोचना की।

एर्दोगन के बयान की इजरायल ने निंदा की है और तुर्किये और उन्हें साँप कहा है। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, “साँप तो साँप ही रहेगा“। ऊर्जा मंत्री इजरायल कार्ट्ज ने कहा, “मुस्लिम ब्रदरहुड का आदमी हमास-दाएश आतंक का समर्थन कर रहा है।”

वहीं इजरायल ने तुर्किये के अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है। इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा, “तुर्किये के गंभीर बयानों को देखते हुए मैंने आपसी संबंधों के पुनर्मूल्यांकन के लिए तुर्किये से अपने राजयनिक प्रतिनिधियों को लौटने का आदेश दे दिया है।”

दरअसल, एर्दोगन ने जिस धर्मयुद्ध की बात कही है, वह साल 1000 से साल 1291 के बीच यरुशलम को लेकर ईसाइयों और मुस्लिमों के बीच चला था। हालाँकि, उसके बाद भी यह कई सदियों तक चलता रहा। येरुशलम यदूदी, ईसाई और मुस्लिम, तीनों के लिए महत्वपूर्ण है। यहूदी की शुरुआत इसी येरुशलम से हुई थी, जबकि ईसाइयों के ईसा मसीह को यहीं क्रूस पर लटकाया गया था। इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद भी यहाँ कुछ दिन ठहरे थे।

येरुशलम पहले रोम साम्राज्य का अंग था। ये बाद में ईसाई हो गए। बाद में इस मुस्लिमों ने अधिकार कर लिया। फिर अधिकार को लेकर मुस्लिमों और ईसाइयों के बीच सात भीषण युद्ध लड़े गए थे। इन यु्द्धों में येरुशलम कभी इसाइयों को हाथ लगा तो कभी मुस्लिमों के। आखिर में येरुशलम पर तुर्की के इस्लामी ऑटोमन साम्राज्य का कब्जा हो गया था। इसी को लेकर एर्दोगन पश्चिमी देशों को धमकी दे रहे हैं।

इन सब तमाम बयानों के बीच इजरायल अपने लक्ष्य से बिना भटके हमास के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटा है। इजरायल ने साफ कह दिया है कि वह गाजा में ऐसी कार्रवाई करेगा कि अगले पचास सालों तक इस्लामी आतंकी इजरायल पर हमले के बारे में सोचेंगे नहीं। इजरायल ने अब गाजा में जमीनी सैनिकों को भी उतार दिया है।

इजरायल की कार्रवाई में अब 7700 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इनमें हमास के प्रमुख कमांडर से लेकर उसके वायुसेना प्रमुख भी शामिल हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कहा है कि यह लड़ाई इजरायल के अस्तित्व की लड़ाई है। इजरायल गाजा में हमास के सुरंगों को नष्ट करने के लिए भी स्पॉन्ज बम इस्तेमाल करने वाला है।

वहीं, इजरायल की कठोर कार्रवाई से सहमे हमास के आतंकियों ने कहा था कि अगर इजरायल अपने हमले रोकता है तो वह बंधकों को छोड़ देगा। उसने बंधकों को छोड़ने के लिए समय माँगा था, लेकिन इजरायल ने अपनी कार्रवाई नहीं रोकी। अब हमास ने दावा किया है कि इजरायल के हमलों में 50 बंधकों की मौत हो गई है।

बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर एक साथ लगभग 5000 रॉकेट दाग दिया था। इसके साथ ही चौतरफा जमीनी हमला करके निर्दोष इजरायली महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों सहित 1400 लोगों की हत्या कर दी थी। इसके साथ ही लगभग 229 महिला, बच्चों और पुरुषों को बंधक बनाकर आतंकी अपने साथ गाजा लेकर चले गए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया