नवरात्रि में तोड़ी काली माँ की मूर्ति, दीवारों पर लाल रंग से बाइबल की आयत लिखी: त्रिनिदाद और टोबैगो में 1 हफ्ते में 2 हिंदू मंदिरों पर हमला, पहले गणेश मंदिर से चुराए गए थे कपड़े

त्रिनिदाद एंड टोबैगो के दो मंदिरों में हुई तोड़फोड़

कैरेबियन देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो के त्रिनिदाद में बीते एक सप्ताह में दो हिंदू मंदिरों को तोड़ने और उन्हें अपवित्र करने की खबर सामने आई है। यहाँ, जिन मंदिरों पर हमला किया गया है वे द्वीप के काउवा और पेनल कस्बे में स्थित हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार (28 सितंबर) को काउवा के कार्ली बे में एक काली माता मंदिर को अज्ञात बदमाशों ने तोड़ते हुए अपवित्र कर दिया था। इस मंदिर में तोड़फोड़ कर देवी काली की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया था। यही नहीं, मूर्ति पर जैतून का तेल भी लगाया गया था। हमलावरों ने इस पूरी घटना को रात में अंजाम दिया था।

हमलावरों ने मंदिर की दीवारों पर इस दौरान बाइबिल की एक आयत भी लिखी। मंदिर की बाहरी दीवारों पर बड़े लाल अक्षरों में ‘Read Exodus 20:3-4’ लिखा गया। इस आयत में गैर-ईसाइयों के खिलाफ चेतावनी है।

एक्सोडस (Exodus) बाइबल में एक किताब है। इस किताब के अध्याय 20 के पद 3 में लिखा है “मेरे आगे और कोई देवता नहीं होगा।” इसी अध्याय में आयत 4 कहता है, “तू अपने लिए कोई मूरत न बनाना, जो ऊपर स्वर्ग में या नीचे पृथ्वी पर या नीचे के जल में किसी भी वस्तु का रूप हो।” मंदिर में जो कुछ भी हुआ है वह यह दर्शाता है कि इस पूरी घटना के पीछे कट्टरपंथी ईसाइयों का हाथ है।

इस पूरी घटना पर मंदिर के पुजारी पंडित सत्यानंद महाराज का कहना है कि यह घटना उस समय हुई है जब मंदिर के सदस्य नवरात्रि की सेवा पूरी कर अपने-अपने घर चले गए थे।उन्होंने कहा, “मैं जब मंदिर गया तो माता की मूर्ति को टूटा हुआ पाया। मूर्ति में जैतून का तेल भी लगाया गया है। वहाँ एक्सोडस (Exodus) 20:3-4 से एक चेतावनी लिखी गई है। इस बारे में काउवा पुलिस स्टेशन को एक रिपोर्ट दी गई है। हालाँकि, पुलिस द्वारा रिपोर्ट की कोई रसीद नहीं दी गई।”

मंदिर के पुजारी ने आगे कहा “त्रिनिदाद और टोबैगो एक बहु-धार्मिक देश है जहाँ हम सभी पूजा की स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं। ऐसा लगता है कि कुछ लोग शांतिपूर्ण वातावरण को खराब करना चाहते हैं। ईसाई धर्म की आड़ में हिंसा के इस कृत्य की सभी आस्था के लोगों द्वारा निंदा की जानी चाहिए।”

हालाँकि, मंदिर में हुई इस घटना के बाद भी यहाँ पूजा जारी रही। कई भक्तों ने पूजा में भाग लिया और मंदिर के बाहर खड़े होकर भजन गाए। इस दौरान, मंदिर में आने वाले कई नियमित भक्त माँ काली की मूर्ति को टूटा हुए देखकर रोते हुए नजर आए। इनमें से कई लोग ऐसे थे जिन्होंने इस मंदिर के निर्माण में योगदान दिया था।

गणेश मंदिर में तोड़फोड़

काउवा के काली मंदिर में हुए हमले से पहले 22 सितंबर की रात को पेनल में एक गणेश मंदिर में तोड़फोड़ भी की गई थी। यहाँ के गोपी ट्रेस में लकरानी गणेश मंदिर पर हमला कर गणेश जी को मूर्ति को तोड़ा गया था। जबकि, कुछ अन्य मूर्तियों से कपड़े निकाले गए थे। यही नहीं, इस मंदिर में रखे स्पीकर को भी हमलावर अपने साथ ले गया था। उस रात के सीसीटीवी फुटेज में एक बदमाश को स्पीकर के साथ देखा गया था। फुटेज से प्रतीत हो रहा है कि यह काम सिर्फ एक व्यक्ति का है।

मंदिर की उपाध्यक्ष रेखा ने कहा था, “हमने देखा कि मंदिर का पिछला दरवाजा टूटा हुआ है। उस व्यक्ति ने ताला तोड़ा और फिर लात मारकर दरवाजा खोलते हुए मंदिर में घुस गया। उसने मंदिर में तोड़फोड़ की है। साथ ही, उसने दानपेटी को भी नुकसान पहुँचाया है।”

पुलिस को संदेह है कि वह व्यक्ति भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन को चुराने के इरादे से मंदिर में घुसा था। यह सब करने वाले व्यक्ति ने देखा होगा कि लोग मंदिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं। चूँकि, मंदिर समिति मंदिर में कोई भी पैसा रात में नहीं रखती है इसलिए उसे कुछ भी नहीं मिला। गणेश जी की मूर्ति तोड़ने के पीछे उसका उद्देश्य यह रहा होगा कि हो सकता है मूर्ति में पैसा हो।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया