इस्लामी भीड़ ने पादरी और उसकी पत्नी पर हमला किया, चर्च की इमारत भी ध्वस्त कर दी: युगांडा की घटना

इस्लामी भीड़ द्वारा क्षतिग्रस्त चर्च की इमारत (साभार: Morning Star News)

युगांडा में कट्टर इस्लामी भीड़ ने एक पादरी और उसकी पत्नी पर हमला किया। मॉर्निंग न्यूज स्टार के मुताबिक भीड़ ने पूर्वी युगांडा के किबुकु जिले में नानकोडो उप-काउंटी में चर्च की इमारत के एक हिस्से को भी ध्वस्त कर दिया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि यह नृशंस हमला एक इमाम के 5 दिसंबर को ईसाई धर्म स्वीकार करने को लेकर हुआ। भीड़ में 8 लोग शामिल थे। उन्होंने काजीगो इलाके में उसी शाम पादरी मोशे नबवाना और उसकी पत्नी लोविसा नौरा पर बेरहमी से हमला किया। दोनों चर्च की सेवा के बाद अपने घर लौट रहे थे।

हमले के बाद दोनों को कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। इसके अलावा, मुस्लिम भीड़ ने उस चर्च पर भी हमला किया जहाँ तत्कालीन इमाम ने अपना भाषण दिया था। उन्होंने छत, खिड़कियाँ, बेंच, वाद्ययंत्र और दरवाजे सहित चर्च के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया। 

जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के दौरान पादरी लोगों को मुफ्त मास्क बाँट रहे थे और अपने अनुयायियों से यीशु मसीह के बारे में बात कर रहे थे। इसी दौरान पूर्व इमाम की पादरी से मुलाकात हुई। इमाम के ईसाई में परिवर्तित होने के बाद चर्च के सदस्यों ने उन्हें और उनकी पत्नी को सुरक्षा चिंताओं के कारण 10 दिसंबर को एक अस्थायी सुरक्षित घर में स्थानांतरित कर दिया था।

पादरी की पत्नी ने सुनाया खौफनाक किस्सा

घटना को याद करते हुए, पादरी की पत्नी ने कहा, “सदस्यों को बहुत खुशी हुई और उन्होंने जोर से चिल्लाकर प्रभु की स्तुति की, जिसने आसपास के मुसलमान का ध्यान अपनी ओर खींचा। फिर 6 बजे इमाम के धर्म परिवर्तन की घोषणा हुई।” उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने मेरे पति की पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने लाठी और नुकीली चीजों से उनके सिर, पीठ और छाती पर वार किया। मैं जोर से चीखने लगी। इसके बाद हमलावर ने मुझ पर छड़ी से हमला किया। जिसमें मेरी छाती, पीठ पर चोटें आई और मेरा हाथ टूट गया।”

चीख-पुकार सुनकर ईसाई पड़ोसी उनके बचाव के लिए दौड़े। हालाँकि तब तक बदमाश इलाके से भाग चुके थे। उन्हें पहले कासरिरा के एक क्लिनिक में भर्ती कराया गया और फिर पादरी मोशे नबवाना की हालत बिगड़ने के बाद कुमी जिले के नोगीनो के एक अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया। पादरी की पत्नी और उनके 8 बच्चों की माँ नौरा, आठ आरोपियों में से चार की पहचान कर पाई हैं। इस घटना से आक्रोशित होकर उन्होंने कहा, “हम अभी तक इस भयानक घटना की रिपोर्ट पुलिस को नहीं दे रहे हैं। इस समय मेरी प्रार्थनाएँ मेरे पति की शीघ्र स्वस्थ होने के लिए है।”

मुलगो अस्पताल में उनके इलाज की लागत 3.5 मिलियन युगांडा शिलिंग (, 68, 959) तक पहुँच गई है। घटना के बारे में जानने के बाद, चर्च के एक वरिष्ठ पादरी ने कहा कि उन्हें भविष्य में इस तरह के और हिंसक हमलों का डर है। इस बीच, नौरा अपने मेडिकल बिलों का भुगतान करने और चर्च की इमारत की मरम्मत के लिए पैसे जुटाने की उम्मीद कर रही है।

पादरी की पत्नी पर पहले भी मोहम्मद ने हमला किया था

मॉर्निंग स्टार न्यूज ने बताया कि नौरा पर पहले मोहम्मद नाम के व्यक्ति ने हमला किया था। दरअसल नौरा ने अपने केले के बागान के नुकसान के लिए जब मोहम्मद से सवाल-जवाब किया था तब उसने उन पर हमला किया था। उन्होंने बताया, “उस समय मेरे पति दूर थे, और मैं मोहम्मद के घर गई और उससे इस तरह की हरकतें करने का कारण पूछने की कोशिश की। उसने उछल कर मेरे पेट पर लात मारी और मुझे थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद मुझे तिरिनयी के एक क्लिनिक में ले जाया गया।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया