रूस-यूक्रेन में जारी जंग के बीच अमेरिका ने मंगलवार (8 मार्च 2022) को स्वीकार किया कि यूक्रेन में ‘जैविक अनुसंधान सुविधाएँ’ (Biological Research Facilities) हैं। अमेरिका के राजनीतिक मामलों के राज्य की अंडर सेक्रेटरी विक्टोरिया नुलैंड का कहना है कि अमेरिका इस बात को लेकर चिंतित है कि इन सुविधाओं को रूसी सेना अपने कंट्रोल में ले सकती है। इसलिए वह यूक्रेन के साथ मिल कर इस पर काम रहे हैं, ताकि जैविक अनुसंधान सुविधाओं को रूसी सेना के हाथ में जाने से रोका जा सके।
दरअसल, यूएस सेनेटर मार्को रुबियो ने नुलैंड से पूछा था कि क्या यूक्रेन के पास ‘रासायनिक या जैविक हथियार’ हैं? इसके जवाब में उन्होंने इसकी पुष्टि की और साथ ही यह भी कहा कि अगर यूक्रेन पर इस तरह का कोई हमला होता है तो इसके पीछे नि:संदेह रूस का हाथ होगा। विक्टोरिया यहीं पर नहीं रुकती है। वह कहती हैं कि खुद करके दूसरों पर आरोप लगाना ‘क्लासिक रूसी टेक्निक’ है। हालाँकि न तो विदेश विभाग और न ही पेंटागन की तरफ से इन सुविधाओं के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई।
इधर चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से जैविक हथियारों के अनुसंधान का पूरा विवरण देने की माँग की। उन्होंने यह माँग रूस के उन रिपोर्टों के आधार पर की है, जिसमें दावा किया गया है कि यूक्रेन में जैविक हथियार के लिए अमेरिका फंडिंग कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिका के पास 30 देशों में 336 लैब हैं, जिनमें 26 सिर्फ यूक्रेन में हैं। इन्हें देश और विदेश में अपनी जैविक सैन्य गतिविधियों का पूरा लेखा-जोखा देना चाहिए और खुद को बहुपक्षीय सत्यापन (Multilateral Verification) के लिए प्रस्तुत करना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले रूस की सेना (Russian Army) ने यूक्रेन (Ukraine) में 30 बायोलॉजिकल लेबोरेटरी (Biological laboratories) के मौजूद होने का दावा किया था। रूस ने एक दस्तावेज पब्लिश किया था, जिसमें बताया गया कि यूक्रेन ने अमेरिका द्वारा पोषित प्रयोगशालों की मदद से, रूसी सीमा पर जैविक हथियार जैसे एंंथ्रेक्स और प्लेग बनाने पर काम किया। दस्तावेज में लैब को अमेरिका द्वारा फंडिंग करने के सबूत होने का भी दावा किया गया।
रूस द्वारा प्रकाशित दस्तावेज में यूक्रेन स्वास्थ्य मंत्रालय का एक ऑर्डर भी शामिल है जिस पर तारीख 24 फरवरी 2022 की है। इसमें जैविक रोगजनक एजेंटों के आपातकाल खात्मे की बात हैं। एक रूसी प्रतिनिधि ने बताया कि यूक्रेन ने अपने ‘डर्टी बम’ के निर्माण और प्लूटोनियम को अलग करने के काम के लिए चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र क्षेत्र का इस्तेमाल किया। हालाँकि, अब अमेरिका ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।