बीमारी का असली डॉक्टरों ने दिया सलाह, ट्विटर के झोलाछाप डॉक्टरों ने छिपाया: US कमिटी के सामने खुले ट्विटर के और भी गंदे राज

सेंसरशिप के आरोपों पर ट्विटर अधिकारियों के साथ पूछताछ की गई (फोटो साभार-फॉक्स/हैवी)

अमेरिका (America) में स्थानीय समय अनुसार बुधवार (08 फरवरी, 2023) को न्यू रिपब्लिकन की हाउस ओवरसाइट कमेटी के सामने ट्विटर के पूर्व अधिकारी पेश हुए। कमेटी के लोगों ने ट्विटर के पूर्व अधिकारियों से कई तीखे सवाल किए। उनका जवाब देते हुए पूर्व अधिकारियों ने माना कि कई मामलों में कंपनी से चूक हुई थी। इनमें अक्तूबर 2020 में चली बाइडेन लैपटॉप स्टोरी, डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स की कोरोना पर राय समेत मामूली बातों पर ट्विटर अकाउंट्स को सस्पेंड करने जैसे मामले शामिल हैं।

रिपब्लिकन जेम्स कॉमर इस हाउस ओवरसाइट कमेटी की प्रमुख हैं। कमेटी हंटर बाइडेन लैपटॉप स्टोरी और ट्विटर पर मनमाने ढ़ंग से सेंसरशिप लगाने से जुड़े आरोपों पर जाँच कर रही है। कॉमर बाइडेन परिवार के व्यापार व लेन-देन की भी जाँच कर रहे हैं। जाँच के बीच ट्विटर फाइल्स नाम से कई दस्तावेज भी सामने आए हैं, जिससे पूरे मामले में ट्विटर की भूमिका का पता चला है। बता दें एलन मस्क द्वारा कंपनी संभालने के बाद इन दस्तावेजों को ‘ट्विटर फाइल्स’ के नाम से सार्वजनिक किया गया था। इसमें ट्विटर कर्मचारियों के कई आंतरिक ई-मेल और दूसरे बातचीत शामिल हैं।

ट्विटर फाइल्स समाने आने के बाद पता चला कि कैसे कंपनी के कर्मचारियों ने यूजर्स को ब्लॉक करने, शैडो बैन करने और पहुँच (Reach) कम करने जैसे मनमाने फैसले लिए। कमेटी के मेंबरों ने पूर्व अधिकारियों से सवाल पूछे। जिस पर ट्विटर के पूर्व अधिकारी असहज नजर आ रहे थे। कई मामलों में अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उनसे चूक हुई है। हालाँकि, उन्होंने इसके लिए किसी तरह के सरकारी दबाव से इनकार कर दिया।

कमेटी के सामने ट्विटर की पूर्व डिप्टी काउंसिल जेम्स बेकर, हेड ऑफ ट्रस्ट एंड सेफ्टी योएल रोथ और चीफ लीगल ऑफिसर रहीं विजया गाड्डे की पेशी हुई। कमेटी की मेंबर नैंसी मेस ने आरोप लगाया कि ट्विटर एफबीआई और अन्य सरकारी एजेंसियों की सहायक की तरह कार्य कर रही थी। ट्विटर ने असहमत लोगों की आवाज को दबाने के लिए उन्हें सेंसर कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्विटर ने अमेरिकियों की बातों को सुनने और निगरानी के लिए लाखों डॉलर प्राप्त किए।

योएल रोथ ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हंटर बाइडन से जुड़ी स्टोरी को संभालने को लेकर ट्विटर ऑफिस में भ्रम की स्थिति थी। उन्होंने कहा कि शुरू में वे इस खबर को प्रतिबंधित करने के खिलाफ थे, लेकिन कंपनी ने इसे इसलिए दबाया क्योंकि उसे लगा कि इसके पीछे रूस का हाथ हो सकता है। इस पर न्यूयॉर्क के फ्रेशमैन डेमोक्रेट रेप डैन गोल्डमैन ने ट्विटर के अधिकारियों का समर्थन करते हुए कहा कि ट्विटर और पूर्व-खुफिया अधिकारी जायज वजहों से मामले में रूसी हाथ होने की आशंका जता रहे थे।

रिपब्लिकन मार्जोरी टेलर ग्रीन ने गलत सूचना के आरोप में उनके उनके अकाउंट पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर सवाल किया। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप समेत रिपब्लिकन्स के अकाउंट्स को मामूली बातों के लिए सस्पेंड करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ट्विटर के अधिकारियों ने फ्री स्पीच अधिकारों की अनदेखी की।

बता दें कि ‘द ट्विटर फाइल्स’ में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बेटे हंटर बिडेन की रिपोर्ट को सेंसर करने से संबंधित इंटरनल कम्युनिकेशन शामिल है। इस खुलासे के बाद स्पष्ट हो गया है कि सोशल मीडिया कंपनी में विजया गाड्डे नियमों की आड़ में मनमाने ढंग से सेंसरशिप लगाती थीं।

कंपनी में रहते हुए विजया गाड्डे ने अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस (White House) की प्रवक्ता केलीघ मैकनेनी के अकाउंट को बंद करने के फैसले को सही ठहराया था। उस दौरान विजया ने ‘हंटर बिडेन स्टोरी’ सेंसर को तर्कसंगत बनाने की भी कोशिश की थी। अगर उस रिपोर्ट को सेंसर नहीं किया गया होता तो 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों का परिणाम शायद कुछ अलग होता।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया