दिल्ली में मुस्लिमों को मार रहे हैं, मस्जिदों को तोड़ रहे हैं: उबर ड्राइवर ने ​हिंदू महिला को किया प्रताड़ित

UBER ड्राइवर ने की महिला के साथ बदसलूकी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हिंदुओं के ख़िलाफ़ परोसी जा रही नफरत अब बड़े स्तर पर अपना असर दिखाने लगी है। सोशल मीडिया पर लोग खुलकर अपने ऐसे अनुभव साझा कर रहे हैं जब उन्हें अपने हिंदू होने के नाते या हिंदुओं को डिफेंड करने के नाते कट्टरपंथी सोच का शिकार होना पड़ा। बुधवार को ऐसा ही कड़वा अनुभव यूएस की एक साइकेट्रिस्ट एवं साइकोथेरेपिस्ट शीनी अंब्राडर ने शेयर किया। हालाँकि डॉ. शीनी का ये निजी अनुभव नहीं है। उन्होंने एक हिन्दू महिला के साथ हुई घटना को शेयर किया है।

डॉ. शीनी ने अपने पोस्ट में पीड़िता का नाम नहीं बताया। लेकिन शीनी के पोस्ट से ये बात मालूम होती है कि पीड़िता हिंदू है। पीड़िता का फेसबुक पोस्ट, जिसे डॉ. शीनी ने शेयर किया, उसमें वह एक उबर ड्राइवर की बदसलूकी के बारे में बताती नजर आईं, जिसे उन्हें हिंदू होने और हिंदुओं का बचाव करने के कारण झेलना पड़ा।

महिला बताती है कि जब उसने उबर बुक की तो ड्राइवर ने पहले सुनिश्चित किया कि वे भारतीय हैं। इसके बाद उसने दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों के बारे में बात करनी शुरू की। वह इस बात पर जोर देकर बताने लगा कि भारत में मुस्लिमों को हिन्दू मार रहे हैं। हिन्दू मस्जिदों को तोड़ रहे हैं।

पीड़िता के मुताबिक, इतना सब सुनने के बाद उसने ड्राइवर को समझाने की पूरी कोशिश की दिल्ली दंगों के बारे में उनकी सोच सही नहीं है। क्योंकि इन दंगों में दो समुदाय के लोगों का नुकसान हुआ, दोनों तरफ के लोग घायल हुए और दोनों को मारा गया। मगर, ड्राइवर ये सब सुनने के बाद महिला से नाराज हो गया। वह महिला की बात सुनकर चुप होने की बजाय उसपर गुस्सा निकालने लगा और थोड़ी देर में उसने महिला को और महिला की बहन को अपनी कैब से उतरने को बोल दिया।

ड्राइवर का ऐसा रवैया देखकर महिला ने फौरन पुलिस को बुलाया जिसके बाद वह शांत हुआ। मगर पीड़िता ने इस घटना को महसूस करने के बाद इसके पीछे अतंरराष्ट्रीय मीडिया की एकतरफा पत्रकारिता को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इस घटना को बिंदु में रखते हुए पोस्ट लिखा और आरोप लगाया कि दिल्ली दंगों पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की एकतरफा पत्रकारिता से विदेशों में हिंदूफोबिया बढ़ रहा है। लोग हिंदुओं के ख़िलाफ़ गलत धारणा बना रहे हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली में बीते दिनों हमने सीएए के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन के नाम पर हिंदू विरोधी हिंसा देखी। मगर, वामपंथी मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसमें भी हिंदुओं को दोषी बता दिया। इस बीच मुस्लिम भीड़ सड़कों पर अल्लाह हू अकबर और नारा ए तकबीर कहती आगजनी, पत्थरबाजी को अंजाम देती रही। लेकिन इस मीडिया का ध्यान जय श्री राम के नारों पर आ टिका और देखते ही देखते यहाँ हर मुमकिन प्रयास और उदहारणों के जरिए हिंसक भीड़ की बर्बरता को हिंदुओं का नाम लेकर समझाने की कोशिश हुई। नतीजतन उबर ड्राइवर जैसे लोग तैयार हुए, जिन्होंने हिंदुओं को पीड़ित श्रेणी में सुनकर उनपर संवेदना जताने की बजाय अपना गुस्सा जाहिर किया और उनका पक्ष लेने वाली महिला को कैब से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया