तालिबान ने छात्राओं पर बरसाए डंडे, विश्वविद्यालय में प्रवेश की भी अनुमति नहीं: लड़कियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने का वीडियो आया सामने

अफगानिस्तान में तालिबान ने लड़कियों पर बरसाए डंडे (प्रतीकात्मक चित्र)

अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से ही महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा को लेकर सवाल उठने लगे थे । तालिबान इस शंका को अपनी हरकतों से सही भी ठहराता रहा है । अफगानिस्तान में अपने शुरुआती शासन में ही उसने छठी कक्षा के बाद से लड़कियों की स्कूली शिक्षा पर ही रोक लगा दी थी।

तालिबान की बर्बरता का नया वीडियो पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में बदख्शाँ विश्वविद्यालय के परिसर से सामने आया है। नए प्रशासन के सदस्यों ने छात्राओं को कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया है। ‘द इंडिपेंडेंट’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस अधिकारी को छात्रों पर डंडो का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है, वह तालिबान सरकार के ‘मोरल मंत्रालय’ से संबंधित है।

वायरल हो रहे वीडियो में तालिबान का एक अधिकारी दिख रहा है, जो छात्राओं पर डंडे का इस्तेमाल करते है, जब वे अपने शिक्षा के अधिकार को लेकर विरोध कर रहीं थीं। अधिकारी को छात्राओं का पीछा करते हुए, उन्हें तितर-बितर करने के लिए मजबूर करते हुए देखा जा सकता है। दर्जनों छात्राएँ अधिकारियों को प्रवेश की अनुमति देने के लिए विश्वविद्यालय के बाहर धरना दे रही थीं।

पंजशीर प्रोविंस नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया, “लड़कियाँ हिजाब पहनी हुई हैं, फिर भी उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश की अनुमति क्यों नहीं है? तालिबान महिला छात्रों के लिए विश्वविद्यालयों को बंद करना चाहता है। आज तालिबान ने छात्राओं को विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया।”

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में विश्वविद्यालय के अध्यक्ष नकीबुल्लाह काज़ीज़ादा के हवाले से कहा गया है कि समूह की हिंसा और छात्रों के प्रति गैरकानूनी आचरण पर ध्यान दिया जाएगा और छात्राओं के अनुरोध के बारे में विचार किया जाएगा। पिछले साल अगस्त में सत्ता संभालने के बाद से, तालिबान ने महिलाओं की आवाजाही, अभिव्यक्ति, काम के अवसरों और पोशाक की स्वतंत्रता पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए हैं। वैश्विक स्तर पर भी कई अंतरराष्ट्रीय संगठन अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति पर चिंता जता चुके हैं ।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया