‘वर्ल्ड बैंक’ के अध्यक्ष और अमेरिका की वित्त मंत्री ने माना गुजरात के ‘शिक्षा मॉडल’ का लोहा, कहा – इसे दुनिया भर में लागू करने की ज़रूरत

अमरिका की वित्त मंत्री जेनेट एल्लेन और 'वर्ल्ड बैंक' के अध्यक्ष अजय बंगा पहुँचे गुजरात के 'विद्या समीक्षा केंद्र' (फोटो साभार: ET)

‘विश्व बैंक’ के अध्यक्ष अजय बंगा ने गुजरात के ‘शिक्षा मॉडल’ की तारीफ़ की है। उन्होंने रविवार (16 जुलाई, 2023) को कहा कि गुजरात में जो ‘कंट्रोल एन्ड कमांड सेंटर’ की व्यवस्था है, उसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। बता दें कि राज्य में इसे ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इसे न सिर्फ देश भर में लागू किया जाना चाहिए, बल्कि लीडरशिप के एक मॉडल के रूप में दुनिया के सभी इलाकों में इसे लागू किया जाना चाहिए।

‘वर्ल्ड बैंक’ के प्रेजिडेंट ने अमेरिका के ‘सेक्रेटरी ऑफ द ट्रेजरी’ जेनेट एल्लेन के साथ गुजरात की राजधानी गाँधीनगर में ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ का दौरा किया। बता दें कि उक्त केंद्र के पास 1.15 करोड़ छात्रों, 5 लाख शिक्षकों और गुजरात के 50,000 विद्यालयों का डेटा है। इन सभी छात्रों के एकेडमिक और प्रशासनिक डेटा को जमा कर के इसकी निगरानी की जाती है। इसका विश्लेषण होता है। इस दौरान सेक्रेटरी एल्लेन ने कहा कि शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने से ही गरीबी मिटाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि इससे ठोस विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नए-नए प्रयोगों में तेजी लाने के लिए और वास्तविक परिणामों को देने वाले ऐसे प्रोजेक्ट्स जो स्मार्ट तरीके से डिजाइन किए गए हों, ये सेंटर इसका उत्तम उदाहरण है कि ‘वर्ल्ड बैंक’ व अन्य पार्टनर मिल कर इससे क्या डिलीवर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावी होने का सबसे अच्छा रास्ता है कि ऐसे प्रोजेक्ट्स का अध्ययन किया जाए जो अच्छे परिणाम देते हों, फिर उन्हें लागू किया जाए।

अजय बंगा ने कहा कि ये सेंटर इसका उत्कृष्ट उदाहरण है कि इतनी बड़ी युवा जनसंख्या वाले देश में विकास कैसे हो। उन्होंने इस दौरान ध्यान दिलाया कि भारत में युवाओं की जनसंख्या किसी भी देश से ज्यादा है। उन्होंने युवाओं को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ और स्वच्छ हवा-पानी दिए जाने की वकालत की। दोनों नेताओं ने इस दौरान छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों से बातचीत की। केंद्र सरकार भी ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ की तारीफ़ कर चुकी है। इससे छात्रों का एटेंडेंस बढ़ा है, शिक्षकों-छात्रों का अनुपात बढ़ा है और स्कूलों का प्रबंधन अच्छा हुआ है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया