5 दिन से भूख हड़ताल का ड्रामा, तिहाड़ से अस्पताल में शिफ्ट किया गया आतंकी यासीन मलिक: UN से इमरान खान की गुहार- उसकी जान खतरे में

यासीन मलिक और इमरान खान (फाइल फोटो)

दिल्ली के तिहाड़ जेल में पिछले पाँच दिन से भूख हड़ताल कर रहे आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चीफ यासीन मलिक को ड्रिप के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं। यासीन मलिक ने शुक्रवार (23 जुलाई, 2022) की सुबह भूख हड़ताल शुरू की थी। उन्हें नाश्ता दिया गया था जिसे खाने से उन्होंने इनकार कर दिया था। वहीं अब तबियत बिगड़ने पर तिहाड़ जेल ने RML अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं इमरान खान ने मोदी सरकार पर यासीन मलिक को टॉर्चर करने का आरोप लगाया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यासीन मलिक की माँग है कि उसके खिलाफ चल रहे विचाराधीन मामले की सही तरीके से जाँच हो। वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने मंगलवार (26 जुलाई, 2022) को बताया, ”कड़ी सुरक्षा के बीच कारागार संख्या सात में एक अलग कोठरी में रखा गया यासीन मलिक शुक्रवार की सुबह से कुछ नहीं खा रहा है। वह अब भी भूख हड़ताल पर है और चिकित्सक उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रहे हैं। उसे रविवार से ड्रिप के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं।”

वहीं टेरर फंडिंग में सजा काट रहे आतंकी यासीन मलिक के समर्थन में बिलावल भुट्टो के बाद अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी आ गए हैं। कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ‘शहीद’ बताने वाले इमरान खान ने अपने ट्वीट में मलिक की भूख हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

इमरान खान ने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं मोदी सरकार की ओर से तिहाड़ जेल में कश्मीरी नेता यासीन मलिक के टॉर्चर और उसे भूख हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर करने की निंदा करता हूँ। उसकी जान खतरे में है। मैं UNSG, UNHCHR और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से भारत के खिलाफ कार्रवाई करने और यासीन मलिक की जान बचाने की अपील करता हूँ।”

बता दें कि पिछले महीने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी मलिक को सजा सुनाए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को पत्र लिखा था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था कि कश्मीर के हालात पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के पाकिस्तान के प्रयासों के तहत बिलावल की ओर से 31 मई को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को यह पत्र भेजा गया। पत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव को मलिक को सजा दिए जाने की परिस्थितियों से अवगत कराया गया था।

गौरतलब है कि तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के आठ दिसंबर, 1989 को हुए अपहरण के मामले में यासीन मलिक आरोपित है। यासीन मलिक ने रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का अनुरोध किया था। मलिक ने कहा था कि 22 जुलाई तक अगर सरकार ने इस संबंध में अनुमति नहीं दी, तो वह भूख हड़ताल शुरू करेगा। कहा जा रहा है कि केंद्र से इस मामले पर कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने भूख हड़ताल शुरू कर दी।

एनआईए द्वारा 2017 में दर्ज टेरर फंडिंग के मामले में यासीन मलिक को 2019 की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। वहीं यासीन मलिक को एनआईए की विशेष अदालत ने मई में टेरर फंडिंग सहित अन्य मामलों में उम्रकैद और दस लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

जानकारी के लिए बता दें कि रुबैया सईद का जेकेएलएफ के आतंकवादियों द्वारा 1989 में अपहरण किया गया था। हालाँकि, रुबैया को 5 दिन बाद 13 दिसंबर को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया गया, लेकिन इसके बदले भाजपा द्वारा समर्थित तत्कालीन वीपी सिंह सरकार को जेकेएलएफ के 5 आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया